धर्म डेस्क: हमारे दिनचर्या में ऐसे बहुत ही काम है जिनका करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। माना जाता है कि हमारे जीवन में कुछ ऐसे काम होते है जिसके बिना हमारा जीवन बेकार होता है। इसी में से एक काम है भोजन करना। भोजन जिससे हमारी जीविका चलती है। कहा जा सकता है कि जिसके बिना हम कुछ दिन तो जी सकते है, लेकिन एक समय बाद भोजन के बिना जीना मृत्यु को दावत देना है।
ये भी पढ़े-
- हिंदू धर्म में जनेऊ पहनना क्यों है जरुरी?, जानिए
- करें ये 1 उपाय, खुल जाएगा किस्मत का ताला
- सपने में दिखे ये चीजें तो समझो कि आप जल्द ही होने वाले है करोड़पति
भोजन से हमें ऊर्जा मिलती है। जिसके कारण हम अपनी लाइफ के छोटे से लेकर बड़े काम कर लेते है। इसी भोजन से जुड़ी हमारे समाज में कई मान्यताएं है। जिसे लोग सदियों से मानते चले आ रहे है। जैसे कि भोजन कभी खड़े होकर नहीं करना चाहिए। हमेशा बैठकर करो। खुद ग्रहण करने से पहले भगवान आदि को भोग लगाओ, अपने खाने से कुछ भाग जीवों के लिए निकाले आदि। इस परंपराओं को बहुत से लोग मानते भी है।
हिंदू धर्म में माना जाता है कि भोजन करने से पहले कुछ भाग निकालने से भगवान आप पर प्रसन्न रहते है। जिससे आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। इसी तरह इससे जुड़ी एक और मान्यता, परंपरा है।
वो है दाएं हाथ से ही भोजन करने की पंरपरा। आपने देखा होगा कि कई लोग ऐसे होते है तो बाएं हाथ से भोजन करते है। जिनको देखकर हमारे बड़े-बुजुर्ग टोक देते है कि इस हाथ से भोजन करना शुभ नहीं माना जाता है। इसी बात को सुनकर हमारे मन में एक सवाल आता है कि यह सब अंधविश्वास है। किसी भी हाथ से खाने से शुभ औहर अशुभ कुछ नहीं होता है। लेकिन आप जानते है कि हिंदू धर्म में किसी भी काम, परंपरा के पीछे एक मकसद होता है तो कहीं एक वैज्ञानिक कारण होता है। इसके पीछे भी एक कारण है वो है सकारात्म ऊर्जा और नकारात्मक ऊर्जा का।
जी हां हिंदू धर्म में सीधे हाथ से खाने में जोर इसलिए दिया जाता है क्योंकि माना जाता है कि जब हम कोई शुभ काम करते है तो उससे हमें कोई सकारत्मक प्रभाव दिखाई देता है। इसलिए ऐसे काम दाएं हाथ से करने चाहिए। इसीलिए अगर आपने ध्यान दिया तो पूजा-पाठ, हवन करते समय हम दाएं हाथ का ही इस्तेमाल करते है। जोकि सकारात्मक ऊर्जा देने वाला माना जाता है। इसी तरह हमारे भोजन करने के जुडा हुआ है कि अगर हम दाएं हाथ से भोजन करेगे तो हमें हर बार खाने में उतनी ही सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। इसलिए हमारे पूर्वजों ने सोच-समझ कर ये नियम बताए हैं।