मंदिर की परिक्रमा हमेशा घड़ी की सूई की दिशा में होनी चाहिए, मतलब जैसे घड़ी की सूई घूमती है, उसी तरह साधक को घूमना चाहिए। साथ ही जिस देव की परिक्रमा कर रहे हैं उसके मंत्र का जाप करते रहें।
भगवान गणेश की पूजा करते समय मंदिर की एक परिक्रमा तथा शिवजी की पूजा के समय मंदिर की 2 परिक्रमा करनी चाहिए। इसी प्रकार यदि पूजा भगवान विष्णु की हो तो मंदिर की 3 परिक्रमा करनी चाहिए और दुर्गा माता की पूजा के समय मंदिर की 6 परिक्रमा करनी चाहिए।
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