धर्म डेस्क: हिंदू धर्म के पुराणों में माना जाता है कि सृष्टि का निर्मोण भगवान ब्रह्मा जी ने किया था। लेकिन आप जानते है कि इनकी पूजा कहीं नहीं की जाती है। पुराणों के अनुसार दुनियाभर में ब्रह्मा जी के केवल 2 मंदिर है। और इन मंदिरों में भी इनकी पूजा नहीं की जाती है। न ही भारत में इनसे संबंधित कोई भी उत्सव और व्रत नहीं है।
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हिंदू पुराणों में इस बारें में कई पौराणिक कथाएं मिलती है। जिसके अनुसार माना जाता है कि ब्रह्मा जी को उनकी पत्नी सावित्री के शाप के कारण नहीं पूजा जाता है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि कहीं भी इनकी पूजा नहीं की जाती है।
एक बार ब्रह्माजी के मन में धरती की भलाई के लिए यज्ञ करने का ख्याल आया। यज्ञ के लिए जगह की तलाश करनी थी। इसके कारण एक जगह का चुनाव करने के लिए उन्होंने अपनी बांह से निकले हुए एक कमल को धरती लोक की ओर भेज दिया। कहते हैं जिस स्थान पर वह कमल गिरा वहां ही ब्रह्माजी का एक मंदिर बनाया गया है।
यह स्थान है राजस्थान का पुष्कर शहर, जहां उस पुष्प का एक अंश गिरने से तालाब का निर्माण भी हुआ था। इसी स्थान पर ब्रह्माजी यज्ञ करने के लिए पहुंचे, लेकिन उनकी पत्नी सावित्री वक्त पर नहीं पहुंच पाईं।
कुछ देर उनका इंतजार करने के बाद ब्रह्माजी ने ध्यान दिया कि यज्ञ का समय तो निकल रहा है, यदि सही समय पर आरंभ नहीं किया तो इसका असर अच्छा कैसे होगा। परन्तु उन्हें यज्ञ के लिए एक स्त्री की आवश्यकता थी, इसलिए उन्होंने एक स्थानीय ग्वाल बाला से शादी कर ली और यज्ञ में बैठ गए।
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