पीपल
श्रीमद्भगवद्गीता में भी भगवान कृष्ण ने पीपल को स्वयं का स्वरूप बताया है। इसे 'अश्वत्थ' कहकर पुकारा गया है। यही कारण है कि देवमूर्ति की पूजा या मंदिर न जाने की दशा में पीपल पूजा ही दरिद्रता दूर कर सुख, ऐश्वर्य व धन की कामना को पूरी करने वाली मानी गई है।
शास्त्रों के अनुसार अगर आपको कोई कष्ट या फिर कोई रोग है तो सुबह के समय पीपल की आराधना करने से आपको फायदा मिलेगा। पीपल को अमृत के समान भी माना गया है। साथ ही यह सबसे ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ने वाले पेड़ों में से एक है।
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