शिंगणापुर के शनिदेव अपने आप पर एक अनोखा मंदिर है। यह ऐसा एकलौता मंदिर है जिसकी प्रतिमा खुले आसमान में बनी हुई है। इस मंदिर में कोई भी छत नहीं है। यह प्रतिमा लगभग 5 फीट 9 इंच लंबी व 1 फीट 6 इंच चौड़ी है। इस मंदिर में जाने के अपने ही नियम है।
इस मंदिर में शनि देव को तेल चढानें के लिए पुरुषों को केसरिया रंग के ही वस्त्र धारण करने पडते है साथ ही इन्हीं कपड़ो में स्नान करने के बाद तेल चढाने की परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से केवल हमारा शरीर ही शुद्ध नहीं होता है बल्कि मन की भी शुद्धि हो जाती है जिससे हमारे मन में चल रही कोई भी अन्य बात समाप्त हो जाए। साथ ही इस रंग के कपड़े पहनने का तात्पर्य है कि आपके मन में धर्म-कर्म के भाव उत्पन्न हो जाए। इसलिए इस रंग के वस्त्र धारण किए जाते है।