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धर्म डेस्क: भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर कई धर्म, कई तरह की संस्कृति है। इन्हीं धर्मो में से एक धर्म है- हिंदू धर्म। इस धर्म में अनेक रीति-रिवाज, परंपराएं है जो दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह एक ऐसा धर्म है जिसमें अनेक जातियां, उपजातियां है। जिसमें अपने रिवाज, खान-पान औप परंपराएं है। इन्ही में से एक समाज है। वो है ब्राह्मण समाज।
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ब्राह्मण समाज एक ऐसा समाज है। जिसे हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा माना जाता है। इनकी पूजा की जाती है। इन्हें भगवान का दूसरा रुप माना जाता है। घर में किसी भी तरह की पूजा-पाठ हो, तो इनको ही बुलाया जाता हैं। इन्हे शास्त्रों का ज्ञाता माना जाता हैं। इनका जीवन बहुत ही सात्विकता से बीतता है। शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करना। इसमें लहसुन और प्याज जैसी चीजों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
हमारे दिमाग में ये बात तो जरुर आती है, कि आखिर ये लोग लहसुन और प्याज का सेवन क्यों नहीं करते हैं। इसके पीछे क्या कारण हैं। इसके पीछे शास्त्रों, आयुर्वेद और वैज्ञानिक अपना-अपना मत कहते है। इसमें कितनी सच्चाई हैं ये बत नहीं कही जा सकती हैं। आज हम आपको अपनी खबर में इससे जुडे कुछ पहलुओं के बारे में बताएंगे कि आखिर ब्राह्मण लहसुन और प्याज से परहेज क्यों करता है?
आयुर्वेद के अनुसार
- आयुर्वेद के अनुसार खाद्य पदार्थो को तीन भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार है-
- तामसिक इसमें जुनून, क्रोध, अंहकार और विनाश के गुण आते है।
- सात्विक जिसके अंदर शांति, संयम, पवित्रता और मन की शांति के गुण आते है
- राजसिक इसमें जुनून और खुशी के गुण आते है।
इसके अनुसार ब्राह्मण लोग लहसुन और प्याज अंहिसा के चलते नहीं खाते है, क्योंकि यह सब पौधे राजसिक और तामसिक रूप में बंटे हुए है। जिनका मतलब है कि जुनून और अज्ञानता में वृद्धि करते है। क्योंकि यह जमीन पर कई जीवाणुओं की मौत का कारण बनते है। इसलिए इसके सेवन पर मनाही है।
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