फैशन के रुप में
आज के समय में नथ फैशन के रुप में पहनती है। लेकिन प्रचलित मान्यताओं की बात करें, तो नाक की नथ शादीशुदा महिलाओं के लिए सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। इस बारें में हर महिला अपने-अपने मत रखती है।
ये हैं मान्यताएं
नथ को पहनने को लेकर कुछ मान्यताएं है कि नाक के छल्ले का प्रचलन मध्यह पूर्व से प्रारंभ हुआ और फिर 16वीं सदी में मुगल काल के दौरान भारत में भी आ पहुंचा। कहते हैं कि मुगल घराने की महिलाएं नाक में नथ पहनने को बेहद महत्वपूर्ण मानती थीं। इसके बिना उनका श्रृंगार अधूरा माना जाता था। यहीं से आगे बढ़कर यह रिवाज़ भारत के कोने-कोने में पहुंचा।
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