श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, गुजरात
यहां एक प्रसिद्ध मारुति प्रतिमा है। महायोगिराज गोपालानंद स्वामी ने इस शिला मूर्ति की प्रतिष्ठा विक्रम संवत् 1905 आश्विन कृष्ण पंचमी के दिन की थी। माना जाता हे कि प्रतिष्ठा के समय मूर्ति में श्रीहनुमानजी का आवेश हुआ और यह हिलने लगी। तभी से इस मंदिर को कष्टभंजन हनुमान मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर स्वामीनारायण सम्प्रदाय का एकमात्र हनुमान मंदिर है। यह मंदिर अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन पर स्थित बोटाद जंक्शन से लगभग 12 मील दूर सारंगपुर में है।
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