धर्म डेस्क: हम किसी से मिलते है, तो हमें कुछ भी नहीं पता होता है कि सामने वाले का कैसा चरित्र, स्वभाव है। उसे क्या पसंद है और क्या नहीं पसंद। सामुद्रिक शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है। जिसमे किसी के बारें में आप सब कुछ जान सकते है। वो भी उसके अंगो के बनावट, रंग, रुप से। धर्म ग्रंथ के अनुसार माना जाता है कि इस शास्त्र को भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने की है। (7 अगस्त: रक्षाबंधन के साथ-साथ चंद्रग्रहण, इन राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव)
सामुद्रिक शास्त्र में आज हम अपनी खबर में बात करेंगे उन लोगों की। जिनके हाथों का रंग पीला होता है। (भूलकर भी न सोचे इन 5 लोगों के बारें में बुरा, होगा नुकसान)
इस रंग की हथेली वाले लोग सुदृढ़ विचारों वाले नहीं होते। मानसिक रूप से ये परेशान और निराशावादी होते हैं। इनका स्वभाव थोड़ा कटु होता है। इन लोगों में मधुरता की कमी होती है। आलस्य के कारण ये ठीक से प्रगति नहीं कर पाते। इसलिए इनके जीवन में संघर्ष बना रहता है। स्वास्थ्य के मामले में ये लोग अपने पैरों के रोगों से परेशान होते हैं।
हथेली के रंगों का परिक्षण करने से पहले एक बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हथेली के परिक्षण के समय हाथ का स्पर्श नहीं करना चाहिए क्योंकि हाथ के घर्षण से, स्पर्श से, दबाने से, व्यायाम से या कोई अन्य श्रम करने से हथेली का रंग तुरंत ही बदल जाता है। इससे हथेली का वास्तविक रंग कुछ समय के लिये गायब हो जाता है और इससे हथेली के रंग का परिक्षण करने में बाधा आती है। अतः जब व्यक्ति स्वस्थ हो, तनाव में न हो तभी रंगों का परीक्षण करना चाहिए।