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Shradh 2017: जानिए कितने तरह के होते है श्राद्ध साथ ही जानें किसका करें किस विधि से श्राद्ध

6 सितंबर से पितपक्ष श्राद्ध शुरु हो गए है। जो कि 20 सितंबर को अमावस्या के साथ समाप्त होगे। यह पूर्वजों के वरदान पाने का सबसे अच्छा मौका होता है। जानिए क्या है श्राद्ध और प्रकार। साथ ही जानें किस दिन करें किसका श्राद्ध..

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 06, 2017 14:45 IST
Pitrapaksh- India TV Hindi
Pitrapaksh

धर्म डेस्क: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है। इसके साथ ही श्राद्ध शुरू  हो गए है। श्राद्ध को महालय या पितृपक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस बार पितृपक्ष 6 सितम्बर से शुरू हुए है. जो कि  20 सितंबर को समाप्त होगे।  पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध उसी तिथि को किया जाता है, जिस दिन उनका स्वर्गवास हुआ हो।

श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना है, जिसका मतलब है पितरों के प्रति श्रद्धा भाव। हमारे भीतर प्रवाहित रक्त में हमारे पितरों के अंश हैं, जिसके कारण हम उनके ऋणी होते हैं और यही ऋण उतारने के लिए श्राद्ध कर्म किये जाते हैं।

पिता के जिस शुक्राणु के साथ जीव माता के गर्भ में जाता है, उसमें 84 अंश होते हैं, जिनमें से 28 अंश तो शुक्रधारी पुरुष के खुद के भोजनादि से उपार्जित होते हैं और 56 अंश पूर्व पुरुषों के रहते हैं। उनमें से भी 21 उसके पिता के, 15 अंश पितामह के, 10 अंश प्रपितामाह के, 6 अंश चतुर्थ पुरुष के, 3 पंचम पुरुष के और एक षष्ठ पुरुष के होते हैं। इस तरह सात पीढ़ियों तक वंश के सभी पूर्वज़ों के रक्त की एकता रहती है। अतः पिंडदान, यानी श्राद्ध मुख्यतः तीन पीढ़ियों तक के पितरों को ही दिया जाता है। जानिए कितने तरह के होते है श्राद्ध और इनका क्या है महत्व।

श्राद्ध 12 तरह के होते है।

  1. नित्य
  2. नैमित्तिक
  3. काम्यृ
  4. वृद्धृ
  5. सपिंडित
  6. पार्वण
  7. गोष्ठ
  8. शुद्धि
  9. कर्मांग
  10. दैविक
  11. यात्रार्थ
  12. पुष्टि

जानिए किस श्राद्ध का क्या है अर्थ और किसका करना चाहिए किस तरह श्राद्ध।

नित्य श्राद्ध: यह श्राद्ध जल द्वारा, अन्न द्वारा प्रतिदिन होता है। श्राद्ध-विश्वास से किये जाने वाले देवपूजन, माता-पिता एवं गुरूजनों के पूजन को नित्य श्राद्ध कहते हैं। अन्न के अभाव में जल से भी श्राद्ध किया जाता है। इसे करने से मनुष्य हर दिन तरक्की की नयी सीढ़ी चढ़ता है।

नैमित्तिक श्राद्ध: किसी एक को निमित्त बनाकर जो श्राद्ध किया जाता है, उसे नैमित्तिक श्राद्ध कहते हैं। इसे करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। आपका बौद्धिक स्तर अच्छा होता है।

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अगली स्लाइड में जानें श्राद्ध के बारें में और

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