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जानिए क्यों कहा जाता है मथुरा के इस घाट को यमुना विश्राम घाट

शास्त्रों में कहा गया है कि अगर श्री कृष्ण के मंदिरों के दर्शन के साथ यहां पर स्नान न किया तो आपको पूरा फल नहीं मिलेगा। विश्राम घाट के साथ गोकुल तक कई घाट बने है। जिनकी अपनी-अपनी महिमा है। जानिए इस घाट के बारें में और जानकारी।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: August 14, 2017 14:00 IST
Vishram Ghat- India TV Hindi
Vishram Ghat

धर्म डेस्क: मथुरा जहां हर कोनों में सिर्फ श्री कृष्ण का ही नाम है। कान्हा की नगरी मथुरा में यमुना नदीं का खास महत्व है। यह वहीं नदीं है जहां पर भगवान वासुदेव अपने सिर पर सूप में श्री कृष्ण को लेकर गोकुल पहुंचे थे।

भगवत पुराण के अनुसार श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था। जिसके कारण इस घट का नाम विश्राम घाट पड़ा।

शास्त्रों में कहा गया है कि अगर श्री कृष्ण के मंदिरों के दर्शन के साथ यहां पर स्नान न किया तो आपको पूरा फल नहीं मिलेगा। विश्राम घाट के साथ गोकुल तक कई घाट बने है। जिनकी अपनी-अपनी महिमा है। जानिए इस घाट के बारें में और जानकारी।

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द्वारिकाधीश मन्दिर से 30 मीटर की दूरी पर, नया बाज़ार में स्थित है। यह मथुरा के 25 घाटों में से एक प्रमुख घाट है। विश्राम घाट के उत्तर में 12 और दक्षिण में 12 घाट है। यहां अनेक सन्तों ने तपस्या की एवं अपना विश्राम स्थल बनाया। विश्राम घाट पर यमुना महारानी का अति सुंदर मंदिर स्थित है। यमुना महारानी जी की आरती विश्राम घाट से ही की जाती है। विश्राम घाट पर संध्या का समय और भी आध्यात्मिक होता है।

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