धर्म डेस्क: सिंहस्थ कुंभ के सिर्फ दो दिन बचे है। जिसके कारण देवती की स्थली उज्जैन में जोरो-शोरो से महाकुंभ की तैयारी चल रही है। साथ ही दुनिया का सबसे बड़े इस धार्मिक मेले में दुनिया भर से साधु-संत आ रहे है। जिसका अपना ही एक आकर्षण है।
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यह महाकुंभ 22 अप्रैल से शुरु होकर 21 मई तक चलेगा। जहां पर आपको हर कोई धर्म और अध्यात्म के रंगो में रंगा होगा। लेकिन इसमें अपनी ेक पहचान है। वो है यहां आने वाले अखाड़ो के साधु-संत। जो पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर केंद्रित कर लेते है। मुख्य रुप से 13 अखाड़े को ही मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 7 अखाड़े शैव, 3 अखाड़े वैष्णव और 3 उदासीन अखाड़े हैं।
वैसे अगर इन्हें देखा जाएं तो यह एक जैसे लगते है, लेकिन इनकी परंपरा, रिवाज, पूजा विधि सभी अलग है। जानिए इन अखाड़ों के बारें में कुछ खास बातें।
अटल अखाड़ा
यह अखाड़ा अपने आप पर ही अलग है। इस अखाड़े में केवन ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य दीक्ष ले सकते है। अन्य कोई इस अखाड़े में नहीं आ सकता है।
अवाहन अखाड़ा
इस अखाड़े में महिला साध्वी को कोई दीक्ष या परंपरा काई जाती है, बल्कि अन्य अखाड़ों में यह परंपरा है।
निरंजनी अखाड़ा
यह अखाड़ा सबसे ज्यादा शिक्षित अखाड़ा है। सानी कि इस अखाड़े में सबसे ज्यादा साधु उच्च शिक्षित है। इस अखाड़ा में करीब 50 महामंडलेश्र्चर है।
अग्नि अखाड़ा
इस अखाड़े में केवल ब्रह्मचारी ब्राह्मण ही दीक्षा ले सकते है। कोई अन्य नहीं ले सकते हैं।
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