नई दिल्ली: शिव जी जिन्हे कई नामों से जाना जाता है। साथ ही शिव जी को बैरागी कहा गया है इस लिए उन्हें आम ज़िन्दगी में इस्तेमाल होने वाली चीज़ें नहीं चढ़ाई जाती हैं। भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए आप उन्हें भांग-धतूरा, दूध, चंदन, और भस्म साथ ही गंगाजल से जलाभिषेक करने से वह जल्द प्रसन्न होते है।
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किसी भी कार्य, परेशानी या कोई भी समस्या हो तो सबसे पहले भगवान को याद किया जाता है जिसके लिए न जाने कितने हवन, पूजा-पाठ करते है जिससे कि घर में सुख- शांति आए। हम भगवान की पूजा तो सच्चे मन से करते है, लेकिन उसका फल आपको इच्छानुसार नही मिलता है।
कोई भी अवसर हो हम भोले बाबा का जलाभिषेक जरुर करते है, लेकिन आप जानते है कि एक ऐसी जगह है जहां पर भक्तगण नहीं स्वयं गंगा माता अभिषेक करती है। जी हां चौक गए न लेकिन यह सच है कि झारखंड के रामगढ़ में एक ऐसा मंदिर है। जहां पर माता गंगा स्वयं जलाभिषेक करती है।
यह मंदिर लोगों के लिए एर रहस्यमयी मंदिर माना जाता है। क्योंकि इस मंदिर के शिंवलिंग में स्वयं माता गंगा अपना जल गिराती है। वो भी पूरे 24 घंटे जलाभिषेक करती है। इस मंदिर को टूटी झरना मंदिर नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की पूजा सदियों से चली आ रही है। इस मंदिर के बारें में हमारे पुराणों में कहा गया है।
झारखंड के रामगढ़ जिला में स्थित भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर हा। जहां पर भक्तगण बहुत ही दूर-दूर से यहां पर आते है। इस मंदिर का इतिहास सन 1925 से ही जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि एक बार अंग्रेज इस इलाके में रेल की पटरी बिछाने आए थे।
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