गोरक्ष पीठ की परंपरा इस कारण सुर्खियों में
गोरखनाथ मंदिर के कारण सीएम योगी आदित्यनाथ पर विपक्ष उंगुली उठा रहा है कि वह नाथ संप्रदाय की परंपरा का निर्वाह कर पाते हैं या नहीं। मंदिर की दीवारों पर लिखी ये पंक्तियां फिर आश्वस्त करती हैं कि सामाजिक-सांप्रदायिक समरसता का नाथ संप्रदाय का ध्येय कायम रहेगा-
'हिंदू ध्यावे देहुरा, मुसलमान मसीत,
जोगी ध्यावे परम पद, जहां देहुरा न मसीत'
मतलब- योगी मंदिर-मस्जिद का ध्यान नहीं करता। वह परम पद का ध्यान करता है। सह परम पद क्या है, कहां है? यह परम पद तुम्हारे भीतर है।