सबसे पहले स्नान कराया जाता है पीडित व्यक्ति को
ऐसे व्यक्ति को सबसे पहले गुरु साहब बाबा की समाधि के समीप से बहती बंधारा नदी पर स्नान करवाने के बाद पीड़ित व्यक्ति को गुरु साहब बाबा की समाधि पर लाया जाता है। उनके तरण का नमन करते ही उस पीडित की सांसे तेज हो जाती है।
उस व्यक्ति के अंदर इतनी शक्ति आ जाती है कि साथ आए लोगों को उसे पकड़ना पड़ता है। तब वह काबू में आता है। इसके बाद प्रेत आत्मा अपनी आवाज में बोलते है। जिससे कारण उनसे पूछा जाता है कि वह कौन है और कहा से आए। तब वह सब सच-सच बता देते है।
इस अवस्था में पीड़ित आत्मा विभूषित हो जाती है और बाबा के श्री चरणों में दंडवत प्रणाम कर क्षमा याचना मांगता है। एक बात तो यहाँ पर दावे के साथ कही जा सकती है कि प्रेत बाधा से पीड़ित व्यक्ति यहां आता है तो वह निश्चित ही यहां से प्रेत बाधा से मुक्त होकर ही जाता है।
सही होने में चढ़ाया जाता है पीडित के वजन के बराबर गुड
यहां कि मान्यता भी कुछ अलग है। जो लोग सही हो जाते है। इन लोगों को अपने वजन के बराबर गुड देना पडता है। जो प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है। हर साल टनों गुड यहां इकट्ठा हो जाता है। सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि इतना गुड इकट्ठा होने के बावजूद यहां पर एक भी मक्खी या चीटी नजर नही आएगी। इसके कारण लोग बाबा का चमत्कार मानते है।
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