महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए हर साल करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय के साथ शुरू होकर चंद्रोदय तक जारी रहता है। करवा चौथ में सरगी का भी खास महत्व होता है। इसे सूरज उगने से पहले खाया जाता है। सरगी को सास अपनी बहू के लिए बनाती हैं। बहू इसे खाकर व्रत शुरू करती है। इस साल करवा चौथ का यह त्योहार 24 अक्टूबर यानी रविवार के दिन मनाया जाएगा।
क्या है सरगी?
सरगी वह खाना है जो करवा चौथ के दिन सास अपनी बहू को देती हैं। इसके साथ ही वह कुछ सामान भी अपनी बहू को देती हैं। सरगी सुबह सूरज निकलने से पहले ली जाती है। इसके बाद से व्रत शुरू माना जाता है। असल में सरगी सास की तरफ से बहू के लिए एक गिफ्ट होता है। सरगी खाने का यह लाभ होता है कि पूरे दिन महिलाएं एनर्जी से फुल रहें। अगर किसी की सास नहीं होती है तो घर की कोई बड़ी महिला सरगी बनाकर देती है।
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क्या है बायना?
जहां सास अपनी बहू को सरगी देती है। वहीं बहू अपनी सास को बायना देती है। जिसमें कपड़े, श्रृंगार का समान, सरगी में कपड़े, सुहाग की चीजें, फेनिया, फ्रूट, ड्राई फ्रूट्स, नारियल आदि रखे होते हैं।
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सरगी खाने का शुभ मुहूर्त
सरगी का सेवन सूर्योदय से पहले 4 से 5 बजे के करीब कर लेना चाहिए। चन्द्रोदय शाम 7 बजकर 51 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि इस साल 24 अक्टूबर 2021, रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इस दिन चांद निकलने का समय 7 बजकर 51 मिनट पर है। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा।
सरगी की थाली
सरगी की थाली में ऐसी चीजें रखी जाती हैं। जिसे खाने ने दिनभर एनर्जी से फुल रहें। इसलिए सरगी की थाली में फाइबर से भरपूर फल रखें। इसके अलावा कम कैलोरी वाली मिठाई, ड्राई फूट्स के साथ सेवई, नारियल पानी और दूध रखें।