हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखकर शाम को चांद के दर्शन करके अर्ध्य देती हैं। जिसके बाद ही वह अपना उपवास तोड़ती हैं। इस खास दिन की तैयारियां महिलाओं कई दिन पहले से शुरू कर देती है। ऐसे में अगर पूजा करते समय किसी सामग्री की कमी हो जाती है तो आपका थोड़ा सा मन इधर-उधर भागने लगता है। इसलिए पहले ही जान लें करवा चौथ पूजा सामग्री और सोलह श्रृंगार में लगने वाला सामना। आपको बता दें कि इस साल करवा चौथ 4 नवंबर को पड़ रहा है।
Karwa Chauth 2020: जानिए किस दिन पड़ रहा है करवा चौथ, साथ ही जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास की कृष्ण पत्र की चतुर्थी तिथि 4 नवंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 5 नवंबर सुबह 5 बजकर 14 मिनट में समाप्त होगी।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 29 मिनट से 6 बजकर 48 मिनट तक।
चंद्रोदय- शाम 8 बजकर 12 मिनट पर।
करवा चौथ पूजा थाली की सामग्री
- सबसे मुख्य चीज छलनी (कई लोग इसके बिना भी पूजा करते है)
- मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन (आप मिट्टी या फिर पीतल या अरपने अनुसार ले सकती है)
- करवा चौथ की थाली
- रूई की बत्ती
- धूप या अगरबत्ती
- फूल
- मिठाईयां
- फल
- नमकीन मठ्ठियां
- कांस की तीलियां
- करवा चौथ कैलेंडर
- रोली और अक्षत (साबुत चावल)
- चीनी का करवा (विकल्प)
- गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी के 5 डेले
- आटे का दीया
- दीपक
- सिंदूर
- चंदन और कुमकुम
- मीठी मठ्ठियां
- शहद और चीनी
- लकड़ी का आसन
- जल का लोटा
- गंगाजल
- कच्चा दूध, दही और देसी घी
- आठ पूरियों की अठावरी और हलवा
- दक्षिणा
करवाचौथ के लिए 16 श्रृंगार
- लाल रंग के कपड़े या फिर जिस रंग के आउटफिट्स पहनना चाहे
- सिंदूर
- मंगलसूत्र
- बिंदी
- नथनी
- काजल
- गजरा
- मेहंदी
- अंगूठी
- चूड़ियां
- कर्णफूल (ईयररिंग्स)
- मांग टीका
- कमरबंद
- बाजूबंद
- बिछिया
- पायल