कार्तिक पूर्णिमा को सभी पूर्णिमाओं से श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन स्नान दान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का त्योहार भी मनाया जाता है जोकि दिवाली से 15 दिन बाद पड़ता है। इसके अलावा इस दिन सिख धर्म के संस्थापक गुर नानक देव की जन्मतिथि है। जिसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदीं में स्नान करने का महत्व है। वहीं इस दिन कुछ नियम है जिनका पालन करना शुभ माना जाता है। जानें उन नियमों के बारे में जिन्हें करने से कोसों दूर रहना चाहिए।
जल्दी उठे
कार्तिक पूर्णिमा के दिन जल्द उठ जाना चाहिए। क्योंकि सुबह उठकर स्नान करना शुभ मना जाता है। इसलिए स्नान करते समय पानी में कुछ बूंदे गंगाजल की डाल लें।
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तुलसी तोड़ना वर्जित
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी तोड़ने की मनाही होती है। इस दिन ना तो पत्तियां तोड़नी चाहिए और न ही इसे उखाड़ना चाहिए।
ये चीजें खाना है वर्जित
कार्तिक पूर्णिमा के दिन उड़द, मसूर की दाल के अलावा करेला, बैंगन और हरी सब्जियां खाने से बचना चाहिए।
बनाएं रंगोली
घर के मुख्य द्वारा में आज के दिन रंगोली बनाना शुभ होता है। इसके साथ ही द्वारा में आम के पत्ते या फिर तोरण बांधे।
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लड़ाई-झगड़ों से बचें
आज के दिन को आध्यात्म का माना जाता है। इसलिए लड़ाई-झगड़ों से दूर रहना चाहिए।
प्याज-लहुसन से रहें दूर
आज के दिन तासमिक भोजन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए यानि नॉनवेज के अलावा लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें।
किसी को न लौटाए खाली हाथ
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान देना क बहुत अधिक महत्व है। इसलिए आज किसी को भी घर से खाली हाथ न लौटाए। अपने अनुसार कुछ न कुछ दान में अवश्य दें।