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Kartik Maas 2019: कार्तिक मास में है तुलसी और स्नान का अधिक महत्व, रोजाना जलाएं शाम के वक्त घी का दीपक

पुराणों के अनुसार इस मास में भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में निवास करते है। इसलिए सूर्यदय से पहले स्नान करने के साथ-साथ तुलसी पूजा का विशेष लाभ है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : October 14, 2019 8:04 IST
Kartik mas
Kartik mas

आज से कार्तिम मास शुरू हो गया है। आज कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि और सोमवार का दिन है । प्रतिपदा तिथि कल यानि कि 13 अक्टूबर की देर रात 02 बजकर 39 मिनट से शुरू हो चुकी है और आज यानि 14 अक्टूबर की देर रात 04 बजकर 21 मिनट तक रहेगी |

पुराणों के अनुसार इस मास में भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में निवास करते है। इसलिए सूर्यदय से पहले स्नान करने से पुण्य की प्राप्त होती है। इसके साथ ही कार्तिक महीने में तुलसी पूजन का महत्व और बढ़ जाता है।

पुराणों के अनुसार इस मास में भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में निवास करते है। इसलिए सूर्योदय से पहले स्नान करने से पुण्य की प्राप्त होती है। इसके साथ ही कार्तिक महीने में तुलसी पूजन का महत्व और बढ़ जाता है।

कार्तिक मास में तुलसी पत्र से श्री विष्णु की पूजा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं | पूरे कार्तिक में शाम के समय तुलसी के पौधे में घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए | इससे घर की सुख- समृद्धि बनी रहती है | तुलसी अर्चना से न केवल घर के रोग और दुःख दूर होते हैं, बल्कि अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।

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कार्तिक में सुबह उठकर तुलसी दल का सेवन भी बड़ा ही लाभकारी होता है | इससे हमारा इम्यून सिस्टम अच्छा होता है | लिहाजा हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है | लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी की पत्ती को चबाया नहीं जाता। उसे पानी के साथ निगलना चाहिए | क्यूंकि तुलसी की पत्ती में पारा होता है और इसे चबाने से दांत खराब हो जाते हैं|

कार्तिक मास में स्नान का महत्व

कार्तिक का महीना स्नान और दान-पुण्य के लिये विशेष महत्व रखता है | इस महीने में पूजा- पाठ और स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है | विष्णुधर्मसूत्र, कृत्यकल्पतरू, हेमाद्रि, पद्मपुराण, निर्णयसिन्धु और गरूड़ पुराण में बताया गया है कि कार्तिक मास में घर से बाहर किसी पवित्र नदी में स्नान, गायत्री जप एवं दिन में केवल एक बार भोजन करके व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं और उसकी तरक्की होती है। बता दूं कि कार्तिक मास के दौरान प्रयाग नदी में स्नान और दर्शन विशेष लाभकारी हैं, लेकिन अगर आप वहां स्नान करने में असमर्थ हैं तो आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर उन नदियों का भाव अपने मन में रखकर, जैसे कि आप वहीं पर स्नान कर रहे हों, स्नान कीजिये। कार्तिक मास में सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए |

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