शास्त्रों में कार्तिक मास के महत्व के बारे में बहुत ही गहराई से बताया गया है। कहा जाता है कि कार्तिक मास में व्यक्ति के लिए हर मनोकामना पूर्ण के साथ-साथ अच्छी हेल्थ और उन्नति भी मिलती है। कार्तिक मास का नाम शास्त्रों में 'दामोदर मास' नाम से भी मिलता है। इस पूरे माह जप, तप करने का अच्छा फल मिलता है। इसके साथ ही आपका मन शांत रहता है।
कार्तिक स्नान पूरे मास तक चलता है, जो इस साल 13 अक्टूबर से 12 नवंबर तक है। कार्तिक मास में ही करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, आंवला नवमी, देव उठावनी एकादशी जैसे बड़े त्योहार पड़ते हैं।
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मदन पारिजात के अनुसार- कार्तिक मास में नित्य स्नान करें। वहीं अगर पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं तो सूर्योदय से पूर्व ही स्नान करना चाहिए।
इस माह स्नान के साथ-साथ कई ऐसे काम है जिन्हें करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। जानें इन 3 कामों के बारे में।
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दीपदान
शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक मास की शुरूआत की 15 रातें साल की सबसे काली रातें मानी जाती है। इसलिए इस अंधकार को हटाने के लिए दीपदान बहुत ही जरुरी है। इस मास में आप दीपदान पोखर, नदी और तालाब आदि में कर सकते हैं। दीपदान करने से मोक्ष की प्राप्ति के साथ हर मनोकामना पूर्ण होती है।
तुलसी पूजा
कार्तिक मास में तुलसी पूजन का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु तुलसी के हदय में शालिग्राम रूप में निवास किया करते हैं। इसलिए यह बहुत ही फलदायी है। तुलसी का पूजन वैसे तो हर मास में फलदायी है, लेकिन इस मास में पूजा करने से यह फल कई गुना बढ़ जाता है। इतना ही नहीं इस माह में तुलसी लगाना और शाम के वक्त घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
भूमि शयन
शास्त्रों के अनुसार इस मास में भूमि में सोना अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से आपके मन में सात्विकता के भाव के साथ विलासिता से दूरी बनेगी। साथ ही आपके अंदर के अन्य विकार भी खत्म हो जाएंगे।