धर्म डेस्क: 10 नवंबर को श्री महाकाल भैरव अष्टमी है। माना जाता है कि कल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भैरव उत्पत्ति हुई थी। कहते हैं भैरव जी भगवान शिव के क्रोध का ही एक रूप हैं। दरअसल एक बार ब्रह्मा जी के मुख से भगवान शिव के लिए कठोर शब्द निकल गये थे और उसी के क्रोध वश भैरव की उत्पत्ति हुई थी। ब्रह्मा जी के जिस मुख से अपशब्द निकले थे, श्री भैरव ने अपने नाखून से उस मुख को ही धड़ से अलग कर दिया था। इसी कारण भैरव जी को ब्रह्म हत्या का पाप लग गया था। ब्रह्मा जी के उस कटे हुए सिर को लेकर भैरव पृथ्वी पर जिस-जिस स्थान पर गये, वहां पर वर्तमान में भैरव जी के मन्दिर स्थापित हैं।
भैरव जी को तंत्र-मंत्र का देवता भी माना जाता है। कहते हैं इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना पूरी नहीं होती। इनके स्मरण मात्र से ही सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं और कर्जों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है और भूत, पिशाच, भय, रोगादि भी दूर होते हैं। ये तो आप जानते ही होंगे कि हर देवी-देवता का एक वाहन होता है। श्री भैरव का वाहन कुत्ता है। इसलिए भैरव अष्टमी के दिन कुत्ते को भोजन जरूर कराना चाहिए। इस दिन ये उपाय अपनाने से आपका भाग्य बदल जाएंगा। जानिए इन उपायों के बारें में।
- भैरवाष्टमी के दिन एक रोटी लेकर, अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली को तेल में डुबोकर उस पर दो लाइनें खींचें। अगर आस-पास कोई काला कुत्ता है तो यह रोटी उसके आगे डाल दें। अगर कुत्ते ने वह रोटी खा ली तो समझिए कि श्री भैरव के आशीर्वाद से आपके सारे काम बन जायेंगे, लेकिन यदि वह बिना खाये सिर्फ सूंघकर चला जाये तो आपको यह क्रम जारी रखना चाहिए और तब तक जारी रखना चाहिये, जब तक कुत्ता रोटी खा न ले।
- भैरवाष्टमी के दिन किसी भी तरह की बाधा से बचने के लिये साबुत उड़द के आटे की रोटी बनाकर, उस पर कड़वा तेल लगाकर कुत्ते को खिला दें। आपकी सारी परेशानियां दूर हो जायेंगी।
- अगर आपके घर में कोई बहुत दिनों से बीमार चल रहा है, तो उसकी तबीयत में सुधार के लिए साबुत उड़द के आटे की ही रोटी बनाकर रोगी के ऊपर से सात बार वारने के बाद काले कुत्ते को डाल दें।
- अच्छे स्वास्थ्य के लिये और सेहत में सुधार के लिए भैरव अष्टमी के दिन सुबह उठकर अगर घर के आस-पास कोई नदी, तालाब या कुंड हो तो, वहां पर स्नान करके और अगर नहीं है तो घर पर ही स्नान के बाद सबसे पहले पितरों का श्राद्ध व तर्पण करना चाहिए और उसके बाद काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। आप एकदम फिट एंड फाइन हो जायेंगे।
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