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Janmashtami 2020: इस बार दो दिन मनेगी जन्माष्टमी, जानिए किस दिन ग्रहस्थ रखेंगे व्रत

इस बार जन्माष्टमी को तिथि को लेकर काफी असमंजस की स्थिति पैदा हो रही हैं। जानिए इस बार किस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 10, 2020 17:04 IST
कब है जन्माष्टमी- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM//KANHA_KI_DUNIA/ कब है जन्माष्टमी

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसे कृष्ण जन्माष्टमी , गोकुलाष्टमी  जैसे नामों  से भी जाना जाता है। इस दिन लोग व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करके जन्मोत्सव मनाते हैं। लेकिन इस बार जन्माष्टमी कोी तिथि को लेकर काफी असमंजस की स्थिति पैदा हो रही हैं। इस साल जन्माष्टमी का पर्व 11 और 12 अगस्त  को मनाया जा रहा है। 

इस कारण 2 दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी

भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार ये दोनों संयोग एक ही दिन नहीं बन रहे हैं। जहां अष्टमी तिथि 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 12 अगस्त सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगाी। वहीं रोहिणी नक्षत्र की बात करें तो वह 13 अगस्त को सुबह 3 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 14 अगस्त  5 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। 

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जगन्नाथ पुरी में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी

आपको बता दें कि जगन्नाथ पुरी के साथ-साथ उज्जैन और बनारस में अष्टमी तिथि के प्रारंभ के साथ मनाई जाएगी जोकि 11 अगस्त को होगी। 

 द्वारिका और वृन्दावन में मनाने की तिथि

अधिकतर स्थानों की तरह मथुरा और वृन्दावन में 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। 

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11 अगस्त को रखें ग्रहस्थ लोग

शास्त्रों के अनुसार ग्रहस्थ लोग तभी जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं। जब अष्टमी तिथि शुरू होती है। इसलिए पंचांग के अनुसार, 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी का त्यौहार हिंदुओं द्वारा दुनिया भर में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है, पौराणिक कथाओं के मुताबिक श्री कृष्ण भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली मानव अवतारों में से एक है। भगवान श्रीकृष्ण हिंदू पौराणिक कथाओं में एक ऐसे भगवान है, जिनके जन्म और मृत्यु के बारे में काफी कुछ लिखा गया है। जब से श्रीकृष्ण ने मानव रूप में धरती पर जन्म लिया, तब से लोगों द्वारा भगवान के पुत्र के रूप में पूजा की जाने लगी।

भगवत गीता में एक लोकप्रिय कथन है- “जब भी बुराई का उत्थान और धर्म की हानि होगी, मैं बुराई को खत्म करने और अच्छाई को बचाने के लिए अवतार लूंगा।” जन्माष्टमी का त्यौहार सद्भावना को बढ़ाने और दुर्भावना को दूर करने को प्रोत्साहित करता है। यह दिन एक पवित्र अवसर के रूप में मनाया जाता है जो एकता और विश्वास का पर्व है।

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