जन्माष्टमी ( Janmashtami 2019) का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार 2 दिन जन्माष्टमी का त्योहार पड़ रहा है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन कृतिका नक्षत्र है जो रात 03 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं। इसके साथ ध्रुव योग भी है जो शाम 04 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ध्रुव योग में किसी भी स्थिर कार्य जैसे किसी भवन या इमारत आदि का निर्माण करने से सफलता हासिल होती है।
वहीं एक बेहद ही अहम जानकारी भी आपको दे दें। इस दिन कृतिका नक्षत्र व ध्रुव योग के साथ-साथ ज्वालामुखी योग भी बन रहा है। ये योग बेहद ही अशुभ माना जाता है। अगर तिथि 1 को मूल, 5 को भरणी, 8 को कृतिका, 9 को रोहिणी और 10 को आश्लेषा नक्षत्र का संयोग हो तो ज्वालामुखी योग बनता है। ये योग कृष्ण जन्माटमी के दिन 08 बजकर 09 मिनट से रात 03 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
इस ज्वालामुखी योग के बारे में एक लोकोक्ति प्रचलित है-
जन्मे तो जीवे नहीं, बसे तो उजड़ होय,
नारी पहिने भूषनो, पुरूष बिहूनो होय
संग्राम चढ़े जीते नहीं, कीर्ति निष्फल होय
कुआं-पोखर जो खने, तुरतै वारि पराय
यानि इस योग में नए भवन में शिफ्ट होना, नए आभूषण पहनना, मुकदमा दायर करना या कुआं व तालाब खोदना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा किया जाए तो अशुभ फल ही प्राप्त होते हैं।
ऐसे में सवाल ये कि इस अशुभ योग में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले उपाय कैसे कारगर होंगे। तो घबराए नहीं आज आप किसी भी उपाय को करने से पहले एक नारियल का दान कर दें। सब अच्छा होगा। वैसे भी आज बेहद शुभ और विशेष दिन जन्माष्टमी है कृष्ण जन्म का ये दिन हर योग से बड़ा है..आज सब मंगल ही मंगल है।
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