नई दिल्ली: भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है- 'यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। या दूसरे शब्दों कहें कि नारी का सम्मान जहां है, संस्कृति का उत्थान वहां हैं।।
कुछ इसी उत्थान के साथ कॉर्पोरेट जगत में जहां पुरुष एकाधिकार वर्चस्व स्थापित करके बुलंदियों का झंडा फहरा रहे हैं तो वहीं आज के इस दौर में नारियां भी किसी पुरुष से कम नहीं है। वो भी कॉर्पोरेट जगत में बराबरी की हिस्सेदारी रखते हुए हवा में आसमान से बातें कर रही हैं।
यूं तो कॉर्पोरेट जगत किसी भी सेक्टर से अछूता नहीं है और ऐसी कोई भी जगह नहीं जहां महिलाओं ने अपनी उस्थिति दर्ज न कराई हो। वो फिर पॉयलट हो या फिर देश की सीमा की रक्षा। लेकिन कॉर्पोरेट जगत में रियल इस्टेट सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जहां पुरुष एकाधिकार वर्चस्व स्थापित किये हुए हैं। उसमें नाहर ग्रुप की मंजू याग्निक ही एक ऐसी इकलौती महिला हैं जिन्होंने रियल इस्टेट सेक्टर में पुरुष मानसिकता को भेदकर उंचाई पर बैठी हुई हैं।
रियल इस्टेट में इकलौती है मंजू याग्निक
मंजू याग्निक रियल इस्टेट सेक्टर की इकलौती महिला है जो भवन निर्माण संबंधी मामलों से सीधे जुड़ी हुई हैं। परंपरा के अनुरूप पुरुषों की रियल इस्टेट सेक्टर में सबसे अधिक भागीदारी है, लेकिन मंजू याग्निक इस सेक्टर में शानदारी तरीके से नेतृत्व कर रही हैं। दो दशक से नाहर ग्रुप के साथ काम कर रही हैं। मंजू याग्निक ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण करने के बाद एक ऐसे पेशे का चयन करने का फैसला किया जो चुनौती पूर्ण हो। मंजू याग्निक का यह जुनून था जो आज उन्हें इस इंडस्ट्री में बुलंदियों पर हुंचा दिया। मंजू याग्निक आज नाहर ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन को पद को सुशोभित कर रही हैं। इतना ही नहीं नरेडको यानी राष्ट्रीय रियल इस्टेट विकास परिषद की वाइसचेयरमैन के पद को भी बखूबी संभाल रही हैं।
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