ये हैं नियम
इस मंदिर में शनि देव को तेल चढानें के लिए पुरुषों को केसरिया रंग के ही वस्त्र धारण करने पडते है साथ ही इन्हीं कपड़ो में स्नान करने के बाद तेल चढाने की परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से केवल हमारा शरीर ही शुद्ध नहीं होता है बल्कि मन की भी शुद्धि हो जाती है जिससे हमारे मन में चल रही कोई भी अन्य बात समाप्त हो जाए। साथ ही इस रंग के कपड़े पहनने का तात्पर्य है कि आपके मन में धर्म-कर्म के भाव उत्पन्न हो जाए। इसलिए इस रंग के वस्त्र धारण किए जाते है।
यहां के गांव में नहीं लगते घर में ताले
यहां पर कोई भी अपने घर में ताला नहीं लगाता है। लोगों का मानना है कि इस गांव और लोगों की रक्षा स्वयं शनि देव कर रहे है। जिसके कारण हर किसी घर में कोई भी दरवाजा नहीं है।
शनिदोष से मिलता है छुटकारा
यह एक एकलौता मंदिर है। जहां पर तेलाभिषेक और दर्शन करने मात्र से ही हर परेशानी दूर हो जाती है।
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