धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में शनि जयंती का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन का फल अनंत गुना मिलता है। बुद्धि, ज्ञान और प्रगति के स्वामी शनि के नक्षत्र में होने के कारण शनि जन्मोत्सव दिवस आलस्य, कष्ट, विलंब, पीड़ानाशक होकर भाग्योदय कारक बनाने के लिए दुर्लभ अवसर है। इस बार शनि जयंती 5 जून, रविवार को है।
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शनि जंयती में शिंगणापुर शनि में जोरो शोरो से तैयारी चल रही है। इस अवसर में हम आपको शनि देव का सबसे महत्वपूर्ण स्थल शनि शिंगणापुर के बारें में ऐसी बाते बताएगे। जिनके बारे में आपने कभी सुना नही होगा। जानिए इन रोचक बातों के बारे में।
ऐसे आई शनि देव की प्रतिमा
महाराष्ट्र के शिरडी के पास स्थित एक गांव शिंगणापुर में स्थित शनि देव की आखिर जुडी कहानी क्या है। यह प्रतिमा इस जगह कैसे आई। जानिए इससे जुडी कहानी के बारें में।
माना जाता है कि शिंगणापुर गांव में एक बार बांढ आ गई थी। जिसके कारण धीरे-धीरे सब कुछ डूबने लगा। तो इस बारें में लोगों का कहना है कि एक दैवीय शिला पानी में बह रही थी। जब बाढ़ का पानी कुछ कम हुआ तो एक व्यक्ति ने एक पेड़ में यह पत्थर देखा। तो उसे देखकर उसे लालच आ गया कि इसे बचकर वो अच्छी कमाई कर सकता है। इसी कारण उसने इस दैवीय पत्थर को पेड़ से उतारा और एक नुकीले चीज से उसको तोडने को मारा। जैसे ही उसने मारा इस पत्थर से खून निकलने लगा। वह यह देख भयभीत हो गया और वापस अपने गांव आकर इस बारे में सबको बताया।
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