नई दिल्ली: रावण जो अपने काल में सबसे बड़ा पंडित और विद्वान था। जिसके शास्त्रार्थ के सामने कोई भी नही टिक पाता था, लेकिन अपने अंहकार, घमंड के कारण अपने पांडित्य की रक्षा नही कर पाया। हिंदू धर्म के पुराणों में रावण के बारें में अधिक मात्रा में वर्णित है।
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इन पुराणों में से है रामायण और शिवपुराण। जिसमें श्री राम और भगवान शिव के साथ-साथ रावण के बारें में और रावण से हुए वध के बारें में पूरी तरह से वर्णित है। इसी प्रकार पुराणों में कुछ ऐसी जगहों का वर्णन मिलता है, जहां रावण के जीवन की प्रमुख घटनाएं घटी है। जानिए उन जगहों के बारें में।
कैलाश मान सारोवर
जो अब चीन में है। जब रावण ने घोर तपस्या की थी। उसके लिए उसे उचित स्थान चाहिए था। जिसक कारण उसने कैलाश मान सारोवर को चुना। रावण ने तपस्या करने के बाद शिवजी को अपने साथ लंका ले जाने के हट के कारण कैलाश पर्वत को उठा लिया। तब भगवान शिव ने अपने अंगूठे से पर्वत को दबाया। तो वह अपनी जगह स्थापित हो गया।
जिसके कारण रावण का हाथ उसके नीचे दब गया, तब वह अपनी भूल के लिए भगवान शिव से मांफी मागने लगा और उनकी स्तुति करने लगा। वही स्तुति आगे चलकर शिव तांडव स्रोत कहलाई। कैलाश मानसरोवर पर रावण के कई सालों तक तप करने का वर्णन भी ग्रंथों में मिलता है।
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