नई दिल्ली: कर्नाटक राज्य के एक छोटे से शहर सिरसी में शलमाला नाम की नदी बहती है नदी की खास बात यह है कि यहां पर एक साथ कईं शिवलिंग नदी के बीचों-बीच बने हुए है। नदी की हर चट्टान पर शिवलिंग बने हुए हैं साथ ही यहां पर नंदी, सांप, और भगवान शिव से संबंधित आकृतियां भी बनी हुई है। एक ही स्थान पर कईं शिवलिंग होने की वजह से इस जगह का नाम सहस्त्रलिंग पड़ा है।
राजा सदाशिवाराय ने करवाया था इनका निर्माण
घने जंगलों के बीच बहने वाली इस को यदि देखा जाए तो यह काफी शांत प्रतीत होती है लेकिन जब आप इसके पास जाते हैं तो आपको दिखाई देगा कि इस नदी के बीचोंबीच शिवलिंग बने हैं। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में सदशिवाराय नाम के एक राजा ने कराया था। माना जाता है कि वह भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। जिस कारण उन्होंने शलमाला नदी के बीच भगवान शिव और उनके प्रियजनों की आकृतियां बनवाई थी। नदी के बीच शिवलिंग बनाने से इनका अभिषेक खुद नदी करती थी।
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इस नदी को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। लेकिन शिवरात्रि व श्रावण के सोमवार पर यहां भक्त विशेष रूप आते हैं। यहां पर आकर भक्त एक साथ हजारों शिवलिंगों के दर्शन और अभिषेक का लाभ उठाते हैं। इस स्थान में जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर का माना जाता है। महाशिवरात्री के समय लोग इस नदी के पास आकर पूजा-अर्चना करते हैं। इस नदी के आसपास हरियाली और शांति होने के कारण यह भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
कैसे पहुंचे
अगर आप भी इस स्थान में घुमना चाहते हैं तो सिरसी से सबसे पास लगभग 104 कि.मी. की दूरी पर हुबली ऐयरपोर्ट है। वहां तक हवाई मार्ग से आकर सड़क मार्ग से सिरसी पहुंचा जा सकता है। यदि आप रेल मार्ग से सिरसी जाना चाहते हैं तो लगभग 54 कि.मी की दूरी पर तलगुप्पा नामक शहर है। वहां तक रेल के द्वारा आकर सड़क मार्ग से सिरसी पहुंचा जा सकता है।
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