सिंह: सिंह राशि का स्वामी सूर्य सभी ग्रहों में राजा माना गया है। इसलिए आपके भीतर हर जगह सर्वोपरि रहने की आदत पाई जाती है। आपको स्वतंत्र व स्वच्छंद रहने की आदत होती है और इसलिए आप कुछ जिद्दी, घमंडी तथा अहंकारी हो सकते हैं। आपके भीतर लचीलेपन का अभाव हो सकता है। कुछ बातों में आप में आलस्य भी देखा जा सकता है और आप हर किसी से बात करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं और आत्मकेन्द्रित रहते हैं।
प्रेम संबंधों के लिए कैसा रहेगा ये साल?
इस मामले में आपकों विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वर्ष प्रवेश के समय केतु आपके सप्तम भाव में है। केतु जहां बैठता है उसे काटता है। सप्तम स्थान जीवन साथी का है। ये आपको जीवन साथी से काटने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। केतु के दान उपचर करना श्रेयस्कर है । इसके अलावा सोने पर सुहागा ये है कि धरती-पुत्र मंगल भी वहीं विराजमान है। मंगल जहां बैठता है, जिसे देखता है, उसे जला देता है।
सप्तम स्थान जीवन साथी का है। मंगल उसे जला रहा है। मंगल की दृष्टि चौथे सांतवें आठवे और बारहवे घर पर भी होती है। यानि मंगल करियर को, शरीर, धन और शत्रुओं को भी नुकसान पहुंचा रहा है। 9 सितंबर को राहु बारहवें खाने में पहुंचेगा, बारहवां खाना शैय्या सुख का है। राहु उसे हानि पहुंचाने की चेष्टा करेगा। यह स्थिति भी ठीक नहीं है। भैरव नाथ के दर्शन-पूजन करने चाहिए।
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