धर्म डेस्क: तुला राशि के स्वामी शुक्र है तथा यह चर राशि है। शुक्र के प्रभाव स्वरूप जातक में कोमलता का भाव देखा जा सकता है। इससे प्रभावित होने पर आप शांतिप्रिय, न्यायवादी तथा संतुलित व्यक्ति होते हैं। आपका व्यक्तित्व दूसरों का दिल जीतने वाला होता है।
आपको दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ समय व्यतीत करना अच्छा लगता है। आप किसी व्यक्ति या समूह को प्रभावित करने में बहुत योग्य होते हैं। एक अच्छे वक्ता के गुण भी आप में मौजूद होते हैं आप किसी चीज का प्रस्तुतीकरण बहुत प्रभावशाली रूप से करना जानते हैं।
महत्वाकांक्षी होने के साथ-साथ योजनायें बनाने व उन्हें संचालित करने की चाह भी रखते हैं धैयर्शीलता की कमी आपको अधिक प्रभावित कर सकती है। तुला राशि व्यापार, सहभागिता, कार्य में यात्राओं का सूचक है।
करियर के नजरिए से नया साल
करियर की दृष्टि से आपका यह समय थोड़ा टाइट रहेगा। एक-एक इंच आगे बढ़ने के लिए कठोरसंघर्ष करना पडे़गा। 9 सिंतम्बर के बाद यह संघर्ष और भी सघन हो जाएगा। विदेश में करियर ढूढ़ने के इच्छुक लोंगों को साल के आरम्भ में ही प्रयास करना चाहिए। दिए गए आश्वसन पूरे कर पाना मुश्किल होगा। टारगेट पूरा करना टेढ़ी-खीर साबित होगा। वर्क लोड़ बढ़ेगा।
नई जिम्मेदारियां उठानी पड़ेगी। लापरवाही और आलस से करियर में उलझनें पैदा होंगी और संगत दोष के कारण सफलता से दूरी बनेगी। दक्षिण दिशा में स्थानान्तरण होने से कुछ राहत हो सकती है। जिम्मेदारियों के नए बोझ को धैर्य और समय से पूरा करना चाहिए। आलस्य और विवेकहीनता से सामाजिक मान-सम्मान में कमी होगी।
फाइनेंशियल कंडीशन के लिहाज कैसे रहेगा आपका नया साल
26 जनवरी के बाद संचित धन में बढ़ोतरी होगी और 9 सितंबर के बाद आमदनी बहाल होगी। 13 सितम्बर के बाद आप धनी व्यक्तियों की श्रेणी में चले जाएंगे। लगन में बृहस्पति का गोचर 13 सितम्बर के बाद, आप में पैसा कमाने की लालसा पैदा कर देगा। आपको संमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलेगी और आप अच्छे रास्तों से पवित्र धन हासिल करेंगे।
ध्यान रहें कि ग्रह गोचर के मुताबिक एक सीमा पर आकर आमदनी रूक जाएगी। लेकिन अगर आप पैसे को खर्चा करते रहेंगे तो आमदनी भी जारी रहेगी। इसलिए धन को भोग भी कीजिए और दान भी कीजिए। लगनस्थ गुरू 13 सितम्बर को आपको सतोगुणी बनाएंगा। उससे पहले साल के साढ़े 8 महीनों मे दान देने से ही आपको बल प्राप्त होगा। वृद्ध स्त्री, ब्राहम्ण, परिवार के बुजुर्ग, कुम्हार और शमेकर को दान देने से आपको विशेष लाभ होगा।
प्रेम संबंधों के लिए कैसे रहेगा साल
वर्ष प्रवेश के समय सप्तमेश मंगल यानि जीवन साथ के घर का मालिक मंगल के खाने में बैठा हुआ है। मंगल रोमांश को जला रहा है। लेकिन सप्तमेश का शुभस्थान पर बैठना यह देता है कि दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा। पंचम स्थान पर केतु का बैठना स्त्री जातकों के लिए रोमांस से वंचित होने की सूचना है। लेकिन साथ ही वहां पर शुक्र की उपस्थिति कुछ मधुर वातावरण बनाने में कामयाब रहेगी।
राहु की दृष्टि शुक्र को बल भी दे रही है और मंगल की भीषणता को समरसता में बदलने की कोशिश कर रही है। अप्रैल के महीने में कुंवारे लोगों को शादी के लायक प्रपोजल मिल सकता है। घर बसाने की दृष्टि से अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने भी महत्वपूर्ण है। विवादित लोगों को मई, जून और सितम्बर के महीनों मे एक दूसरे के प्रति आदर भाव बनाएं रखें।
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