धर्म डेस्क: कर्क राशि जल तत्व राशि है और इसका चिन्ह केकडा है। इस राशि के प्रभाव से आप भावुक प्रवृति के हो सकते हैं। आप अपने मित्रों के लिए जान तक न्यौछावर करने से भी पीछे नहीं हटते है।
कर्क राशि के जातकों में कर्क का एक विशेष गुण देखा जा सकता है जैसे केकडा जब किसी वस्तु या जीव को अपने पंजों में जकड़ लेता है तो उसे आसानी से नही छोडता है, भले ही इसके लिये उसे अपने पंजे गंवाने पडे। कर्क राशि के व्यक्ति में अपने इसी स्वभाव के कारण जिस बात को मन से लगा लेते हैं और उसे त्याग नहीं पाते हैं। कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा है।
इस राशि के स्वामी और विशेषताओं के फलस्वरूप जातक में सौम्यता व भावनात्मकता का भाव देखा जा सकता है। आप दवाओं और द्रव्यों का आयात, अन्वेषण और खोज, भूमि या खानों का निर्माण व विकास, जल से प्राप्त होने वाली वस्तुओं आदि, जन उपयोगी कम्पनियों में काम करके भी धन कमा सकते हैं।
करियर
करियर की दृष्टी से ये वर्ष सावधानी बरतने का है। वाणी में कठोरता और अभिमानी प्रवृत्ति पीड़ादायक साबित होगी। अपना काम बनाने के लिए झूठ और धोखे का सहारा लेंगे, जिससे समाज में अपयश का पात्र बनेंगे। दूर स्थान पर स्थानान्तरण होगा और गढ़े मूर्दे उखाड़े जाएंगे।
करियर में बहुत से काम आधे-अधूरे रह जाऐंगे। यात्रा में कष्ट और व्यवसायिक अवरोध होगा। कार्य क्षेत्र में प्रगति व्यवसाय और धन लाभ के लिए हर कदम बहुत सोच समझकर उठाना होगा। छोटी सी असावधानी बड़ा संकट खड़ा कर सकता है। करियर का मालिक मंगल वर्ष प्रवेश के समय अष्टम भाग में चला गया है और शत्रु की राशि में बैठा है। लिहाजा करियर में झगड़ा-फसाद, उठा-पटक पूरे साल चलता रहेगा।
फाइनेंशियल कंडीशन के लिहाज कैसे रहेगा आपका नया साल
आर्थिक स्थिति उजड़ी-पुजड़ी रहेगी। जमीन-जायदाद संबंधी मसले और निवास स्थान से जुड़़ा हुआ कोई विवाद पूरे साल पीड़ा देता रहेगा। आर्थिक तंगी से आस-पास का वातावरण बोझिल होगा। अपने आसपास के माहौल में हारमोनी बनाए रखना जरूरी होगा। जो लोग अध्यापन के क्षेत्र में है। उन्हे थोड़ी राहत रहेगी।
21 जून से 25 अगस्त तक स्थिति बहुत तंग रहेगी। सितम्बर के महीने में थोड़ा आराम मिलेगा। जून के महीने में आपको धन संबंधी कोई ऑफर मिल सकता है, लेकिन उस ऑफर को हासिल करने के लिए आपको विशेष प्रयास करना होगा रचनात्मक एवं सृजनात्मक कोर्यों के पहले बनाई कार्य योजना को इस साल भारी धक्का पहुंच सकता है। किसी सदाचारी विपन्न ब्राह्मण को पीला कपड़ा सोना, सफेद तिल और उत्तम पादुकाएं दान करने से उपरोक्त पीड़ा में कमी की अपेक्षा की जा सकती है।
प्रेम संबंधों के लिए कैसे रहेगा साल
दाम्पत्य संबंध मधुर होते हुए भी दाम्पत्य सुख प्राप्त होना मुश्किल है। जीवनसाथी से दूरी बनी ही रहेगी। चित्त के लगातार खिन्न रहने और प्यार में थोड़ी कमी आएगी। व्यर्थ के विवाद होगे जो कि दूसरों के कारण होंगे, उनका असर आपके मूड़ और घर के वातावरण पर पड़ेगा और ये आपके दाम्पत्य संबंधों पर भी असर डालेगा। तीर्थ करने से ईष्ट मित्रों के सहयोग से पारिवारिक एवं कौटुम्बिक सुख बहाल हो सकता है। यश और मान-सम्मान की हानि के कारण व्याप्त उदासी का दुष्प्रभाव भी दाम्पत्य संबंधों पर पड़ेगा।
एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन इस बीच पीड़ा का कारण बन सकता है और जीवन को तेजी से अधोगामी बना सकते है। माता-पिता, पुत्र-पुत्रियों सभी से अत्यन्त सम्मान पूर्ण व्यवहार करके इस स्थिति से उभरने का उपाय ढूंढा जा सकता है।
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