धर्म डेस्क: कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह है। इसलिए इस राशि के व्यक्ति सौम्य, गुणी, वाकपटु, चतुर, चालाक व हर काम करने में निपुण होते हैं। ग्रहों में बुध को राजकुमार की उपाधि प्राप्त है, इसलिए आप सदैव ऊर्जावान बने रहते हैं । आप अच्छे लेखक हो सकते हैं, आपको ललित कलाओं से भी बहुत प्यार होता है।
इसके अलावा आप कूतनीतिज्ञ, संचार व गणित व आंकड़ों से जुड़े कामो में रुचि रख सकते हैं। आप ज्योतिष विज्ञान को भी अपने व्यवसाय का क्षेत्र चुन सकते हैं। अकाउंटेंट, क्लर्क, संपादक आदि भी हो सकते हैं। मनोवैज्ञानिक, वायुयान चालक अथवा चिकित्सक भी हो सकते हैं।
करियर के नजरिए से नया साल
ये साल आपके लिए एक शानदार करियर लेकर आया है। दसवें घर यानि करियर का मालिक बुध चौथे घर में है। बुधादित्य नाम का प्रबल राजयोग बना रहा है। और पूर्ण शुभदृष्टि से दसवें को देख रहा है। और लग्न में बृहस्पति स्वयं विराजमान है। केन्द्र में बैठा बृहस्पति अनेक दोषों का नाश करता है और लग्न में बैठा बृहस्पति अनंत दोषों का नाश करता है।
उच्च पदों की प्राप्ति सुनिश्चित है। 6 अप्रैल से 21 जून तक रोग और शत्रु नष्ट हो जाएंगे। धनु राशि में वक्री शनि की शुभ दृष्टि रोग और शत्रु स्थान पर पड़ेगी। 9 सितम्बर के बाद एकादश स्थान पर राहु विदेशी धन का लाभ कराएंगे। मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति सुनिश्चित है। विदेशों में रोजगार के सुनहरें अवसर प्राप्त होंगे। कुल मिलाकर करियर की दृष्टि से यह वर्ष बेहद लाभकारी होगा।
फाइनेंशियल कंडीशन के लिहाज कैसे रहेगा आपका नया साल
शनि देव का धनु राशि में भ्रमण आर्थिक दृष्टि से विशेष लाभकारी है। आर्थिक लाभ के सुनहरे अवसर लगातार प्राप्त होते रहेंगें। 21 जून से शनि के वृश्चिक राशि में लौट जाने के बाद नए किस्म के आर्थिक अवसर प्राप्त होंगे। 9 सितम्बर से विदेशी मुद्रा प्राप्त होने लगेगी और 27 अक्टूबर के बाद ये प्रवाह और भी तेज हो जाएगा।
कोई पुराना मामला निपट जाने से अचानक भारी धन लाभ होगा और कोष संचित हो जाएगा। बीच-बीच में आमदनी घटती-बढ़ती रहेगी। मई, जून और जुलाई में पर्यटन के कारण आमदनी कम होगी। सितम्बर अक्टूबर, नवंबर में कई गुणा आमदनी होगी और पिछले महीनों की भरपाई हो जाएगी और आमदनी के एक से ज्यादा स्त्रोत होंगे और सभी स्त्रोत लगातार जारी रहेंगे।
प्रेम संबंधों के लिए कैसे रहेगा साल
वर्ष प्रवेश के समय सप्तमेश की पूर्ण दृष्टि सप्तम स्थान पर रहेगी यानि जीवन साथी के घर के मालिक की भरपूर नजर अपने ही घर पर है। पूर्ण दाम्पत्य सुख प्राप्त होगा। पंचम स्थान पर चंन्द्रमा एकादश स्थान पर अपनी राशि को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। पंचम स्थान रोमांस का होता है और चंन्द्रमा प्रेम का प्रतीक है। पांचवे घर में चन्द्रमा होने से नए प्रेम-संबंध बनेंगे।
भरपूर रोमांस हासिल होगा। एकादश स्थान यानि ग्यारहवां खाना आमदनी और कामनापूर्ति का है। उस घर में चन्द्रमा की राशि यानि आपके कामनापूर्ति का स्वामी चंन्द्रमा है। जोकि वर्ष प्रवेश के समय अपने घर को अत्यंत शुभ दृष्टि से देख रहा है। यानि सभी कामनाएं पूरी होंगी और प्रेम-संबंधी कामनाएं विषेश रूप से पूरी होगी। इस दृष्टि से आपका ये साल बेहद रोमांटिक और शानदार है।
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