Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Holika Dahan Katha: होलिका की पूजा करते समय पढ़ें ये कथा, होगी हर इच्छा पूरी

Holika Dahan Katha: होलिका की पूजा करते समय पढ़ें ये कथा, होगी हर इच्छा पूरी

मान्यता है कि होलिका दहन के समय कथा कहने से सुख-समृद्धि आती हैं। इससे साथ ही सेहत भी सही हो जाती हैं। जानिए होलिका की कथा।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: March 23, 2021 11:27 IST
Holika Dahan Katha: होलिका की पूजा करते समय पढ़ें ये कथा, होगी हर इच्छा पूरी- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Holika Dahan Katha: होलिका की पूजा करते समय पढ़ें ये कथा, होगी हर इच्छा पूरी

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इस साल होलिका दहन 28 मार्च को पड़ रही हैं। होलिका दहन के समय ऐसी परंपरा भी है कि होली का जो डंडा गाडा जाता है, उसे प्रहलाद के प्रतीक स्वरुप होली जलने के बीच में ही निकाल लिया जाता है। मान्यता है कि होलिका दहन के समय कथा कहने से सुख-समृद्धि आती हैं। इससे साथ ही सेहत भी सही हो जाती हैं। जानिए होलिका की कथा। 

Holika Dahan 2021: जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और होली पूजन की संपूर्ण सामग्री

होलिका की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार  फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बुराई पर अच्छाई की जीत को याद करते हुए होलिका दहन किया जाता है।  कहा जाता है कि प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का अत्यंत बलशाली राजा था जो भगवान में बिल्कुल भी विश्वास नहीं रखता था। इतना ही नहीं उसने संपूर्ण प्रजा को आदेश दिया  कि उसे भगवान मानकर पूजा की जाए। तो मेरे अलावा किसी अन्य भगवान की पूजा करेगा उसके लिए ठीक नहीं होगा।  वहीं दूसरी ओर असुर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। वह हर समय हरि-श्री का जाप करता रहता थाय। यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। बालक प्रह्लाद को हिरण्यकश्यप ने कई बार समझाया को बार अपने मंत्रिमंडल को उसके पास भेजा लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहे। हिरण्यकश्यप की लाख कोशिशों के बावजूद तक प्रहल्द नहीं माने तो उन्होंने दूसरी युक्ति निकाली। 

विष्णु पुराण: बिल्कुल भी देर तक नहीं करना चाहिए ये रोजमर्या के 4 काम, होगा नुकसान ही नुकसान

प्रह्लाद को भगवान की भक्ति से विमुख करने का कार्य उसने अपनी बहन होलिका को सौंपा।  हिरण्यकश्यप  ने होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को गोदी में लेकर अग्नि में बैठ जाए। जिससे भगवान विष्णु के नाम लेने वाला प्रह्लाद जलकर भस्म हो जाए या फिर अग्नि से डर जाए और उसे भगवान मानने लगे। 

भक्तराज प्रह्लाद को मारने के उद्देश्य से होलिका उन्हें अपनी गोद में लेकर अग्नि में प्रविष्ट हो गयी, लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप और भगवान की कृपा के फलस्वरूप खुद होलिका ही आग में भस्म हो गई। अग्नि में प्रह्लाद के शरीर को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस प्रकार होली का यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement