धर्म डेस्क: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक होली का त्योहार 8 दिन पहले होलाष्टक से शुरु हो जाती है। इस त्योहार का अपना ही रंग होता है। जिसका उल्लास और आनंद देखता ही बनता है। होलिका मनाने के पीछे मान्यता है कि इस दिन स्वयं को ही भगवान मान बैठे हरिण्यकशिप मे भगवान की भक्ति में लीन पुत्र प्रहलाद को अपनी बहन होलिका की मदद से जिंदा जला देना चाहा, लेकिन भगवान ने अपने बक्त पर अपनी कृपा दिखाकर की जिसमें प्रहलाद तो बच गया, लेकिन होलिका खुद उसमें जल गई। इसलिए इस दिन को होलिका दहन के रुप में मनाया जाता है। होलिका दहन के ठीक एक दिन बाद रंगवाली होली या धुंहडी मनाई जाती है।
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इस बार होली का त्योहार 12 मार्च को होलिका दहन और 13 मार्च को धुलंडी के रुप में मनाया जाएगा। जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त।
शुभ मुहूर्त
होलिका दहन- 6 बजकर 23 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट कर
भद्रा पूंछ- 4 बजकर 11 मिनट से 5 बजकर 23 मिनट तक
भद्रा मुख- 5 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 23 मिनट तक
रंग खेलने का समय- 13 मार्च