इन ग्रहों के निर्बल होने से इंसान की निर्णय क्षमता क्षीण हो जाती है। जिसके कारण वह गलत निर्णय लेने लगता है। ऐसा न हो इसी कारण आठ दिनों में उसे किसी भी शुभ काम का फैसला लेने की मनाही होती है।
इससे पूर्णिमा से आठ दिन पूर्व मनुष्य का मस्तिष्क अनेक सुखद व दुःखद आशंकाओं से ग्रसित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को अष्ट ग्रहों की नकारात्मक शक्ति के क्षीण होने पर सहज मनोभावों की अभिव्यक्ति रंग, गुलाल आदि द्वारा प्रदर्शित की जाती है।
सामान्य रूप से देखा जाए तो होली एक दिन का पर्व न होकर पूरे आठ दिन का त्योहार है। भगवान श्रीकृष्ण आठ दिन तक गोपियों संग होली खेले और दुलहंडी के दिन अर्थात होली को रंगों में सने कपड़ों को अग्नि के हवाले कर दिया, तब से आठ दिन तक यह पर्व मनाया जाने लगा।
ये दिन होता है दान के लिए सबसे अच्छा
होलाष्टक के दिन दान देने के लिए सबसे अच्छा दिन माना गया है। इस दिन वस्त्र, अनाज और अपने इच्छानुसार धन का दान करना चाहिए। जिससे आपके ऊपर हमेशा भगवान की दया बनी रहेगी। साथ ही आपके जीवन से हर कष्ट दूर हो जाएगा।
ये भी पढ़े-