धर्म डेस्क: हरितालिका तीज हर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए बहुत की खास होती है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व्रत त्योहार माना जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला और निराहार रहकर ये व्रत करती हैं। वहीं कुवांरी लड़कियों के लिए भी ये व्रत बड़ा खास माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कुवांरी लड़कियां अगर इस व्रत को करें तो उन्हें भगवान शिव जैसा पति मिलता है।
इस व्रत को कुवारी कन्याए अपने लिए मनचाहें पति पाने और विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य पाने के लिए करती है। यह व्रत बड़ी ही विधि-विधान से किया जाता है। इस बार हरियाली तीज 26 जुलाई, बुधवार को है।
हरितालिका तीज का व्रत का व्रत निर्जल रहा जाता है। इस व्रत में शाम को पूजा होते हुए रात भर, भजन-कीर्तन, जागरण के बाद दूसरे दिन सुबह समाप्त होता है, तब महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं और अन्न-जल ग्रहण करती हैं। इस दिन शिव पार्वती जी पूजा की जाती है। जानिए इस व्रत को कैसे करना चाहिए औऱ इसकी कथा किस प्रकार है।
शुभ मुहूर्त
ज्योतिषचार्य के अनुसार इस साल तृतीया तिथि 25 जुलाई को दिन में 11 बजकर 50 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 26 जुलाई को दिन में 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगी अत: हरियाली तृतीया 26 जुलाई की मनाई जाएगी।
ऐसे करें इस व्रत में पूजा
तीज के इस व्रत को महिलाएं बिना कुछ खाए-पीए रहती है। इस व्रत में पूजन रात भर किया जाता है। इस पूजन में बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती का मूर्ति बनाकर किया जाता है और एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है।
अगली स्लाइड में पढ़ें पूरी विधि के बारें में