नई दिल्ली: हनुमान जा को भगवान श्री राम का अभिन्न अंग माना जाता है। माना जाता है कि पवनपुत्र हनुमान का सिर्फ स्मरण मात्र से वह अपने भक्त को दर्शन दे देते है, लेकिन दर्शन तभी संभव होते है। जब आपकी इनकी पूजा सच्चे मन और पूरा श्रृद्धा के साथ करें।
हिंदू धर्म के पुराणों में हनुमान जी के जन्म को लेकर कई कथाओं का उल्लेख है। वे रूद्रावतार क्यो कहलातें है इसका भी अपना-अपना मत है। मान्यता है कि भगवान राम के भक्त महावीर हनुमान जी का जन्म दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी के ही दिन हुआ था। हनुमान जी को रूद्र के ग्याहरवें अवतार माना जाता है।
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कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान अपने भक्तों के ऊपर बहुत जल्द प्रसन्न होते है। इसलिए इस दिन पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए। भगवान राम त्रेतायुग में धर्म की स्थापना करके पृथ्वी से अपने लोक बैकुण्ठ चले गये। लेकिन भगवान राम ने धर्म की रक्षा के लिए प्रलय काल तक हनुमान को पृथ्वी पर रहने का आग्रह किया।
इसके लिए राम ने हनुमान ही को अमरता का वरदान दिया। इस वरदान के कारण हनुमान जी आज भी जीवित हैं और भगवान के भक्तों और धर्म की रक्षा में लगे हुए हैं। हनुमान जी के जीवित होने के प्रमाण समय-समय पर प्राप्त होते रहें जो इस बात को प्रमाणित करता है कि हनुमान जी आज भी जीवित हैं।
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