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Hanuman Jayanti 2018: इस दिन करें इन चौपाईयों का पाठ, यहां पढ़ें पूरी हनुमान चालीसा

'रामचरितमानस' की तरह ही हनुमान गुणगाथा भी फलदायी मानी गई है। हनुमान जयंती पर पवनपुत्र की पूरी श्रद्धा से वंदना करने के साथ ही उनकी चालीसा का जाप भय और डर को दूर कर आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। जानिए पूरी हनुमान चालीसा।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 31, 2018 10:15 IST
Hanuman Chalisa- India TV Hindi
Hanuman Chalisa

धर्म डेस्क:  हनुमान जंयती आज यानि शनिवार को पड़ रही है। जिसके कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन का अपना एक खास महत्व है साथ ही साथ भगवान को प्रसन्न करने के लिए हम कई उपाय अपनाते है, लेकिन क्या आप जानते है कि इस दिन केवल हनुमान चालीसा का ही पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाएगी। 'रामचरितमानस' की तरह ही हनुमान गुणगाथा भी फलदायी मानी गई है। हनुमान जयंती पर पवनपुत्र की पूरी श्रद्धा से वंदना करने के साथ ही उनकी चालीसा का जाप भय और डर को दूर कर आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। जानिए पूरी हनुमान चालीसा।

    ।।दोहा।।

    श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार |
    बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि |

    बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार |
    बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ||

    ।।चौपाई।।
    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर |
    रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||2||

    महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी |
    कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा ||4|

    हाथ ब्रज औ ध्वजा विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे |
    शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ||6|

    विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर |
    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ||8||

    सूक्ष्म रूप धरि सियंहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा |
    भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ||10||

    लाये सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये |
    रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ||12||

    सहस बदन तुम्हरो जस गावें अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावें |
    सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ||14||

    जम कुबेर दिगपाल कहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते |
    तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा ||16||

    तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना लंकेश्वर भये सब जग जाना |
    जुग सहस्र जोजन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानु ||18|

    प्रभु मुद्रिका मेलि मुख मांहि जलधि लाँघ गये अचरज नाहिं |
    दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||20||

    राम दुवारे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे |
    सब सुख लहे तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहें को डरना ||22||

    आपन तेज सम्हारो आपे तीनों लोक हाँक ते काँपे |
    भूत पिशाच निकट नहीं आवें महाबीर जब नाम सुनावें ||24||

    नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा |
    संकट ते हनुमान छुड़ावें मन क्रम बचन ध्यान जो लावें ||26||

    सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा |
    और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे ||28||

    चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा |
    साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे ||30||

    अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता
    राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा ||32||

    तुम्हरे भजन राम को पावें जनम जनम के दुख बिसरावें |
    अन्त काल रघुबर पुर जाई जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ||34||

    और देवता चित्त न धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई |
    संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरन्तर हनुमत बलबीरा ||36||

    जय जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करो गुरुदेव की नाईं |
    जो सत बार पाठ कर कोई छूटई बन्दि महासुख होई ||38||

    जो यह पाठ पढे हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा |
    तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ||40||

    ।।दोहा।।
    पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप |
    राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ||
    हनुमान चालीसा का पाठ क्यों जरूरी, शनिवार को है हनुमान जयंती

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