धर्म डेस्क: पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार 10 दिसंबर, रविवार को मनाया जाता है। हनुमान अष्टमी को विजय पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
इस कारण मनाई जाती है हनुमान अष्टमी
शास्त्रों में हनुमान अष्टमी मनाने को लेकर एक कथा है। हनुमानजी या विजय उत्सव मानने के पीछे प्रसंग है कि एक बार भगवान राम और रावण के बीच युद्ध के समय जब रावण का दोस्त अहिरावण भगवान राम और लक्ष्मण को पाताल लोक ले गया था। वह दोनों भाइयों की पाताल लोक की देवी कामाक्षीदेवी को बलि देना चाहता था। तभी हनुमानजी पीछा करते हुए पाताल लोक पहुंचे और वहां अहिरावण का वध कर भगवान राम और लक्ष्मण को उसकी कैद से मुक्त कराया।
हनुमानजी के इस पराक्रम से प्रसन्न होकर भगवान राम ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि आज के दिन को अनुमान अष्टमी के रूप में मनाया जाएगा।
अगर आप हर तरह की परेशानियों से निजात पाना चाहते है, तो इस दिन कुछ उपाय अपनाकर इस समस्याओं से निजात पा सकते है।
भगवान हनुमान की पूजा करते समय हमे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब हम उनकी पूजा करें तो सच्चे मन और पूरा श्रृद्धा, पवित्रता के साथ करें, क्योंकि अगर आपने ऐसा नही किया तो आपसे वह क्रोधित हो सकते है। जिसके कारण आपके साथ कुछ गलत हो सकता है। जानिए ऐसे कौन से उपाय करना चाहिए हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए। जिससे आप हर समस्या से निजात पा सकते है।
मंगलवार को भगवन हनुमान का दिन माना जाता है। इस दिन ये उपाय अपनाकर हर इच्छा पूरी कर सकते है।
सुख-समृद्धि के लिए
श्रीराम और हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं। इसके बाद श्रीराम की प्रतिमा के सामने बैठकर हनुमान चालीसा तथा हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
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वास्तु दोष
तंत्र शास्त्र के अनुसार पारद से बनी हनुमान प्रतिमा की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। साथ ही वास्तु दोष स निजात मिल जाता है।