धर्म डेस्क: गुरु नानक देव सिखों के धर्म गुरु थे। वे जब तक जीवित थे उन्होंने समाज की बुराई को मिटाने की कोशिश की। यह दिन सिख धर्म के लिए बेहद खास है, इस दिन को वो लोग प्रकाश पर्व के तौर पर मनाते हैं। इस दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्मदिन होता है। नानक देव का जन्म रावी नदी के किनारे तलवंडी नाम के गांव में कार्तिक की पूर्णिमा के अवसर पर हुआ था। इसलिए हर साल कार्तिक की पूर्णिमा के अवसर पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है, जो दिवाली के 15 दिन बाद पड़ती है। चंद्र पंचाग हर साल ग्रह और नक्षत्र के हिसाब से बदलता रहता है, अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह दिन अक्टूबर या नवंबर में ही पड़ता है। इस बार 23 नवंबर को मनाया जाएगा।
गुरु नानक देव ने हमेशा अपने प्रवचनों में जातिवाद को मिटाने, सत्य के मार्ग पर चलने के उपदेश दिए है। आइए जाने उनके कुछ चुनिंदा उपदेश। जो आपको देंगे एक सही दिशा। (गुरु नानक जयंती 2018: जानिए क्यों खास है सिखों के लिए यह दिन, कैसे किया जाता है सेलिब्रेट? )
- दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम नहीं करना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे पर नहीं पहुंच सकता है। धार्मिक वहीं है। जो सभी लोगों को समान रूप से सम्मान करे। (Kartik Purnima 2018: 23 नवबंर को है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के साथ महत्व )
- सिर्फ वही शब्द बोलना चाहिए जो शब्द हमे सम्मान दिलाते हो। अन्यता आपका अपमान होने से कोई नहीं रोक सकता है।
- भगवान उन्हें ही मिलते है जो प्रेम से भरे हुए है। इसलिए हमेशा प्रेमभाव से रहना चाहिए।
- अज्ञानता के कारण रस्सी सांप की तरह प्रतीत होती है। स्वयं की अज्ञानता के कारण क्षणिक स्थिति भी स्वयं का व्यक्तिगत, सीमित, अभूतपूर्व स्वरूप प्रतीत होती है।
- गुरु नानक ने कहा है कि कभी किसी का हक नहीं छिनना चाहिए। जो दूसरों का हक छिनता है, उसे कभी सम्मान नहीं मिलता है। हमेशा जरुरतमंद की मदद करें इसके साथ ही ईमानदार रहे।
- अहंकार कभी भी मनुष्य को मनुष्य बनकर नही रहने देता है इसलिए कभी भी अहंकार या घमंड नही करना चाहिए
- कभी भी उसे तर्क से नही समझा जा सकता है चाहे तर्क करने में अपने कई सारे जीवन लगा दे