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Guru Nanak Jayanti Spl : गुरु नानक जी के पैर पकड़ कर इस शख्स ने देखी थी 'ईश्वर की दिशा'

गुरु नानक जी के लिए सर्वधर्म समभाव बहुत मायने रखता था। उन्होंने हर धर्म को बारीकी से और उदार भाव से पढ़ा

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : November 18, 2021 13:49 IST
Guru Nanak Jayanti 2021
Image Source : INSTAGRAM/PUNJABIADDA Guru Nanak Jayanti 2021

Highlights

  • गुरु नानक जी के लिए सर्वधर्म समभाव बहुत मायने रखता था।
  • गुरु नानक जी ने सामाजिक एकता और प्रेम सद्भाव का जो पाठ पढ़ाया को एकता और प्यार-प्रेम का पाठ पढ़ाया।

19 नवंबर को दुनिया भर में गुरु नानक जी की जयंती मनाई जा रही है। सिख धर्म की स्थापना करने वाले सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक की पूर्णिमा को हुआ था। इसी उपलक्ष्य में दुनिया भर में इस दिन धूमधाम से नगर कीर्तन निकाले जाते हैं और पाठ व लंगर किया जाता है। गुरु नानक जी ने जनता को अपने धार्मिक और सामाजिक उपदेशों के जरिए सामाजिक एकता और प्रेम सद्भाव का जो पाठ पढ़ाया को एकता और प्यार-प्रेम का पाठ पढ़ाया।

गुरु नानक जी के लिए सर्वधर्म समभाव बहुत मायने रखता था। उन्होंने हर धर्म को बारीकी से और उदार भाव से पढा और समझा और इसी के चलते उनके धार्मिक विचार आज भी सांप्रदायिक सदभाव को बढ़ाते हैं। 

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गुरु नानक देव जी ने हिंदू, जैन, बौद्ध धर्मों के तीर्थस्थलों की भी यात्रा की और वो अपने शिष्यों के साथ मक्का भी गए। मक्का के दौरे के दौरान उन्होंने हाजी का भेष धारण किया था। गुरु नानक जी का मक्का यात्रा से जुड़ा प्रसंग कई धार्मिक ग्रन्थों और ऐतिहासिक किताबों में दर्ज है। 'बाबा नानक शाह फकीर' में हाजी ताजुद्दीन नक्शबन्दी लिखते हैं कि वो खुद गुरु नानक से हज यात्रा के दौरान ईरान में मिले थे। 

मक्का यात्रा का ये प्रसंग बताता है कि कैसे गुरु नानक जी ने ईश्वरीय उपस्थिति को लेकर लोगों की आंखें खोल दी। हुआ यूं कि गुरु नानक जी अपने मुस्लिम शिष्य मरदाना के साथ मक्का गए। वहां थक जाने पर गुरु नानक जी आरामगाह में लेट गए। उस दौरान उनके पैर पवित्र मक्का की तरफ थे। इस दौरान वहां हाजियों की सेवा में लगे खातिम ने ये देखा तो वो क्रोध में भर उठा और उसने गुरु नानक जी से कहा - तुमको दिखता नहीं है, तुम मक्का मदीना की तरफ पैर करके लेटे हो, इधर खुदा है। 

तब गुरु जी ने कहा कि वो बहुत थक गए हैं, खातिम खुद ही उनके पैर उस तरफ कर दे जहां खुदा नहीं है। खातिम ने उनके पैर दूसरी तरफ घुमाए और दूसरी तरफ भी उसे मक्का ही दिखने लगा। उसने गुरु नानक जी के पैर सभी दिशाओं में घुमा डाले लेकिन ऐसा करने पर उसे हर दिशा में मक्का दिखने लगा। तब खातिम की समझ में आया कि ईश्वर हर जगह है, बस देखने वाली नजर चाहिए।

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