अब ब्रह्मा आवाहनादि षोडशोपचार पूजन करें। इसके बाद आरती कर सभी को प्रसाद दें। और ब्रह्माजी से विनम्र प्रार्थना करें। फिर ब्रह्मणों को भोज कराएं और इपनी इच्छानुसार उन्हें कुछ दक्षिणा दे। जिससे आपके ऊपर हमेशा कृपा बनी रहें।
पौराणिक कथाएं
हर त्यो़हार की भांति गुडी पड़वा को मनाने के पीछे भी कुछ पौराणिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार, गुड़ी पड़वा को निर्माण का सिद्धांत के तौर पर मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन इसी दिन भगवान राम ने रावण की लंका को जलाकर उसे पराजित किया था और वे अयोध्या़ लौटे थे।
एक दूसरी कथा के अनुसार, इस दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था और इसी दिन से मानव जीवन की शुरूआत हुई थी। इस दिन सभी प्राणियों की पूजा की जाती है। ऐसे ही कई और कथाएं प्रचलित है।