गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन होती है। इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन की मनुष्य स्वरूप आकृति बनायी जाती है और शाम के समय सोलह उपचारों के साथ उसकी पूजा की जाती है। कुछ जगहों पर पर्वत के समान आकृति बनाकर भी गोवर्धन की पूजा की जाती है। गोवर्धन बनाकर उसे फूल आदि से सजाना चाहिए और शाम को उचित विधि से धूप-दीप, खील-बताशे से गोवर्धन की पूजा करके, उसके चारों ओर सात परिक्रमा की जाती है। वैसे तो मथुरा स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का विधान है, लेकिन जो लोग वहां नहीं जा सकते, वो घर पर ही आज गोवर्धन की पूजा करके उसकी परिक्रमा कर सकते हैं। इससे वास्तविक गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के समान ही फल मिलता है।
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गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। स्मृतिकौस्तुभ के पृष्ठ 174 पर इसका जिक्र मिलता है। इस दिन घरों व मन्दिरों में अन्नकूट के रूप में कढ़ी, चावल, बाजरा और हरी सब्जियां मिलाकर बनाया गया भोजन खाने की और प्रसाद के रूप में बांटने की परंपरा है। इस दिन जो व्यक्ति गोवर्धन के प्रसाद खाता है और दूसरों को भी खिलाता है या दान करता है, उसके घर में अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं। धर्मशास्त्र के इतिहास चतुर्थ भाग के पृष्ठ- 76 पर भी चर्चा में आयी है कि इस दिन किया गया दान अक्षय हो जाता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
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अन्नकूट के साथ ही इस दिन गौ पूजा का विशेष महत्व है। देवल ऋषि की देवल स्मृति के अनुसार गोवर्धन पूजा वाले दिन गायों की पूजा की जानी चाहिए । इस दिन गायों को दूहा नहीं जाता, बल्कि उनकी सेवा की जाती है। आज गायों के सींघों पर तेल और गेरू लगाना चाहिए और उनके खुरों को अच्छे से साफ करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी तरक्की होगी।
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गोवर्धन पूजा के समय एक हल्दी की गांठ, एक गोमती चक्र, कौड़ी, गुंजाफल और 5 मुखी रुद्राक्ष लेकर एक पोटली बनाएं और पूजा के बाद उस पोटली को अपने पास रख लें। अगर अपने पास नहीं रख सकते, तो घर के मन्दिर तिजोरी , ऑफिस के कैश बॉक्स में भी रख सकते हैं। दरअसल ये सारी चीज़ें सौभाग्य को बढ़ाने वाली हैं और इनको एक साथ रखने से सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। अगर आप अन्न, धन के मामले में पहले से बहुत समृद्ध हैं और अपनी समृद्धि को यूं ही बनाये रखना चाहते हैं, तो आज आपको मन्दिर में सवा किलो बाजरा या चावल का दान करना चाहिए।
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आज गोवर्धन पूजा के समय एक थाली में 5 गोमती चक्र और 5 कौड़ियां रखें और उनकी भी रोली-चावल से पूजा करें। पूजा के बाद उन्हें उठाकर एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। आपके धन में बढ़ोतरी होगी।
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 19 मिनट से शाम 5 बजकर 26 मिनट तक है।