Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Govardhan Puja 2018: जानें क्यों मनाया जाता है ये त्योहार और क्या है इसका महत्व

Govardhan Puja 2018: जानें क्यों मनाया जाता है ये त्योहार और क्या है इसका महत्व

जानें क्यों और कैसे की जाती है गोवर्धन पूजा...

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : November 01, 2018 21:40 IST
Govardhan Puja 2018 Why it is celebrated, significance, process
Govardhan Puja 2018 Why it is celebrated, significance, process

नई दिल्ली: दिवाली अपने साथ अनेक त्योहारों को लाता है। दिवाली के पहले धनतेरस होता है तो बाद में गोवर्धन पूजा और भाई दूज। इस साल गोवर्धन पूजा 8 नवंबर को है। यह हमेशा दिवाली के एक दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन का खास महत्व होता है। श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए तो यह दिन बहुत खास होता है।

क्यों मनाया जाता है ये त्योहार

कहा जाता है कि एक बार भगवान श्री कृ्ष्ण अपनी गोपियों और ग्वालों के साथ गाय चरा रहे थे। गायों को चराते हुए श्री कृ्ष्ण जब गोवर्धन पर्वत पर पहुंचे तो गोपियां 56 प्रकार के भोजन बनाकर बड़े उत्साह से नाच-गा रही थीं। जब उन्होनें गोपियों से पूछा कि यह क्या हो रहा है तो उन्हें बताया गया कि सब देवराज इन्द्र की पूजा करने के लिए किया जा रहा है। देवराज इन्द्र प्रसन्न होने पर हमारे गांव में वर्षा करेंगे, जिससे अन्न पैदा होगा। इस पर भगवान श्री कृष्ण ने समझाया कि इससे अच्छे तो हमारे पर्वत है, जो हमारी गायों को भोजन देते हैं।

ब्रज के लोगों ने श्री कृ्ष्ण की बात मानी और गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी प्रारम्भ कर दी। जब इन्द्र देव ने देखा कि सभी लोग मेरी पूजा करने के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा कर रहे है तो उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। इन्द्र गुस्से में आ गए और उन्होंने मेघों को आज्ञा दी कि वे गोकुल में जाकर खूब बरसे, जिससे वहां का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाए।

अपने देव का आदेश पाकर मेघ ब्रजभूमि में मूसलाधार बारिश करने लगें। ऐसी बारिश देख कर सभी भयभीत हो गए ओर दौड़ कर श्री कृ्ष्ण की शरण में पहुंचे। श्री कृ्ष्ण ने सभी को गोवर्धन पर्वत की शरण में चलने को कहा। जब सब गोवर्धन पर्वत के निकट पहुंचे तो श्री कृ्ष्ण ने गोवर्धन को अपनी कनिष्का उंगली पर उठा लिया। सभी ब्रजवासी भाग कर गोवर्धन पर्वत की नीचे चले गए।

ब्रजवासियों पर एक बूंद भी जल नहीं गिरा। यह चमत्कार देखकर इन्द्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ और वह श्री कृ्ष्ण से क्षमा मांगने लगे। सात दिन बाद श्री कृ्ष्ण ने गोवर्धन पर्वत नीचे रखा। इसके बाद ब्रजबासी हर साल गोवर्धन पूजा करने लगे।

गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह 5 बजे उठकर शरीर पर तेल मालिश करें। उसके बाद नहा लें।

इसके बाद अपने घर या मंदिर के सामने गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं।

इसके बाद फूल और अक्षत अर्पित कर गोवर्धन की पूजा करें।

Also Read:

Govardhan Puja 2018: जानें कब है गोवर्धन पूजा और क्या है इसका शुभ मुहूर्त

कहां है गोवर्धन पर्वत और किस शाप की वजह से छोटी होती जा रही है इसकी ऊंचाई?

Govardhan Puja 2018: घर पर गोवर्धन पूजा करने की ये है विधि

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement