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Navratri 2017: ऐसे करें मां दुर्गा के दूसरें स्वरुप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रि 2017: यूं तो नवरात्रि पर्व में हर दिन खास होता है लेकिन आज हम आपको मा दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी से जुड़ी खास बातें आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं,जिनका शास्‍त्रों में अपना विशेष महत्‍व है।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated : September 21, 2017 21:28 IST
नवरात्रि 2017, Happy Navratri 2017
brahmacharini

धर्म डेस्क: नवरात्र 2017 का शुभारंभ कल से हो रहा है और देश में गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक नवरात्रि की धूम है। यूं तो नवरात्रि पर्व में हर दिन खास होता है लेकिन आज हम आपको मा दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी से जुड़ी खास बातें आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं,जिनका शास्‍त्रों में अपना विशेष महत्‍व है। जहां तक हमारे हिंदू धर्म के शास्‍त्रों की बात की जाए तो माता दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के घर जन्‍म लिया था। 

ऐसे पड़ा ब्रह्मचारिणी नाम : 
मा दुर्गा के जिस दूसरे रूप की हम पूजा करते है वह माता ब्रहमचारिणी का है। हमारे धर्मशास्‍त्रों के अनुसार नारद जी के कहने पर पार्वती ने भगवान शिव को पति मानकर उनको पाने के लिए कठोर तपस्‍या की थी। लंबे समय तक तपस्‍या करने के चलते उनका नाम तपश्चारिणी
 या ब्रह्मचारिणी पड़ा। हर सान नवरात्रि के दौरान दूसरे दिन इस तप को प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। साल 2017 में शुरु हो रहे शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन 22 सितंबर को माता के इसी रूप की पूजा की जाएगी। 

ब्रह्मचारिणी भक्तों एवं सिद्धों को फल देने वाली माता हैं। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन देवी के इसी स्वरूप की उपासना की जाती है।

इस देवी की कथा का सार यह है कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करके आप अपने जीवन में धन-समृद्धि, खुशहाली ला सकतेहै।

जानिए  मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप की पूजा कैसे करनी चाहिए

हिंदू धर्म के अनुसार सबसे पहले जिन देवी-देवताओ एवं गणों व योगिनियों को आपने कलश में आमंत्रित किया है। उन्हें दूध, दही, घृत और शहद से स्नान कराएं। इसके बाद इन पर फूल, अक्षत, रोली, चंदन और भोग लगाएं। इसके बाद आचमन करें फिर पान, सुपारी  और कुछ दक्षिणा रखकर चढ़ाएं। इसके बाद अपने हाथों में एक फूल लेकर प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें।

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू, देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा

नवरात्रि 2017, Happy Navratri 2017

pooja

इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी को अड़हूल का फूल जो लाल रंग का होता है और कमल की बनी हुई माला पहनाएं। साथ ही भोग में मां को चीनी चढाएं। इससे मां जल्द ही प्रसन्न होती है। इसके बाद शिव जी की पूजा करें और इसके बाद ब्रह्मा जी के नाम से जल, फूल, अक्षत आदि हाथ में लेकर “ऊं ब्रह्मणे नम:” कहते हुए इसे भूमि पर रखें।

दुर्गा सप्तशती का पाठ करें : 
इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करते हुए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इसके साथ ही मंत्र, स्तोत्र पाठ, कवच के जाप करें। फिर घी व कपूर मिलाकर देवी की आरती करें। अंत में अपने दोनों हाथ जोड़कर सभी देवी देवताओं को नमस्कार करें और क्षमा प्रार्थना करते हुए इस मंत्र को बोलें-

आवाहनं न जानामि न जानामि वसर्जनं, पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरी।।

इसके बाद रोज शाम को मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद बाटें। इस दिन आप कन्याओं को अपने घर बुलाकर उनका पूजन करें। इसके बाद उन्हें भोजन कराकर कपड़ें आदि भेंट करें। इससे आपकी हर मनोकामना जल्द ही पूर्ण हो जाएगी।

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