धर्म डेस्क: कहा जाता है कि समय के साथ-साथ हर चीज बदल जाती है। फिर चाहे इंसान हो या फिर जगह। लेकिन हम आपको कुछ अलग ही बता रहे है। एक ऐसा मंदिर है जो आज के समय के साथ चल रहा है।
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जी हां चेन्नई का पड़ापएई मंदिर जो पंरपरागत प्रसाद की जगह बर्गर और केक का इस्तेमाल कर रहा है। चेन्नई के बाहरी हिस्से में बसे इस इलाके का यह मंदिर प्रसाद के मामले में काफी मॉडर्न है। यहां प्रसाद के तौर परंपरागत इलमी चावल या मीठा पोंगल नहीं बल्कि पेस्ट्री, ब्राउनी, बर्गर, सैन्विच और चेरी टमेटो सैलेड मिलता है।
इतना ही नहीं फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया बाकायदा इसे प्रमाणित करती है ताकि लोगों को एक्सापयरी डेट वाली चीजें खाने को न मिलें। प्रसाद के इन पैकेटों पर बाकायदा मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट भी लिखा होता है। इस प्रसाद को इस मंदिर तक लाने के लिए एक वैंडिंग मशीन भी लगाई गई है।
हर्बल ऑन्कॉलजिस्ट श्री श्रीधर ने इस मंदिर को बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि प्रसाद के तौर पर बर्गर और ब्राउनी को शामिल किए जाने की वजह स्थानीय लोगों और सैलानियों में उत्सुकता जगाना थी। उन्होंने कहा, 'हम यह दिखाना चाहते थे कि कोई भी पौष्टिक चीज जो साफ किचन में बनाई गई है, उसे भगवान को चढ़ाया जा सकता है। जरूरी नहीं है कि प्रसाद में सिर्फ परंपरागत व्यंजनों को शामिल किया जाए।'
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