लेकिन अभी ग्रहों की स्थिति देखते हुये शुक्र और बुध के कारण से आपको इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि आप जल्दबाजी में आकर कोई निर्णय न लें कुछ समय के लिए स्थिति के अनुकूल होने का इंतजार भी करें। आपको बाजार के उतार-चढ़ाव भी प्रभावित कर सकते हैं। नवम्बर से आपको अच्छे लाभमिलने की संभावना बनती है।
करियर के दृष्टि से
वर्ष की पहली तिमाही का पहला भाग करियर के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता। केतु की स्थिति दशम भाव में होना कैरियर में किसी ना किसी बात को लेकर व्यवधान उत्पन्न कर सकती है। दशमेश का दशंभाव जून तक बाधा देता रहगा और आपको कैरियर में प्रतिस्पर्धाओं से होकर गुजरने का संकेत कर रहा है।
बिजनेस के नजरिये
से तिमाही का आरंभआपके लिए अनुकूल रहने की संभावना बनती है. लेकिन तिमाही का दूसरा भाग व तीसरा भाग आपके लिए अपेक्षाकृत मिश्रित फल प्रदान करने वाला रहता है। दूसरी तिमाही में आप अपने कार्यक्षेत्र पर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना अधिक कर सकते हैं और इस कारण आपको मिले-जुले फलों की प्राप्ति अधिक होने की संभावना बनती 13 जून को शुक्र के राशि प्रवेश से रहत मिलेगी है। तीसरी तिमाही में आपकी पदोन्नति होने की संभावना बनती है और आपकी यह पदोन्नति अनायास भी हो सकती है।
प्रॉपर्टी के काम से संबंधित लोगों के लिए तिमाही मिश्रित फल प्रदान करने वाली रह सकती है। साल के आखिरी तीन महीनों में आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। अधूरे पड़े कामों को पूरा करने का अवसर इस समय मिलेगा लेकिन बिजनेस में परेशानी बनी रहेगी। दिसम्बर माह आपके लिए लाभदायक रहेगा।
बिजनेस के सिलसिले में पहली तिमाही का मध्य भाग आपके लिए अनुकूल कहा जा सकता है। वर्ष के आखिरी तीन महीनों को अनुकूल कहा जा सकता है। इस तिमाही में आपके सभी मनोरथ पूर्ण होने की संभावना बनती है। कोई अनुभवी व बुद्धिमान व्यक्ति बिजनेस से जुड़े कुछ टिप्स आपको दे सकता है जिन्हे अपनाकर आप अपने काम को बढ़ाकर सफलता की ओर बढ़ सकते हैं। साल की दूसरी और तीसरी तिमाही में व्यापार माध्यम रहेगा।
स्वास्थ्य के नजरिये से
साल के पहले तीन महीने सामान्य रहेंगे लेकिन आपको हेल्थ का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। इस समय दाएं कंधे में दर्द की शिकायत बनी रह सकती है, आप इसे लापरवाही में ना लेकर ध्यान दें अन्यथा जरा सा दर्द विकट हो सकता है. इस समय आपके भाई बहनों का स्वास्थ्य भी प्रभावित रह सकता है और उनके कारण भी आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।
दूसरी तिमाही में भी कुछ परेशानी बनी रहेगी। आपके स्वभाव में चिड़चिडा़पन बढ़ सकता है और क्रोध की अधिकता हो सकती है। हर लिहाज से अपना ख्याल रखें। तीसरी तिमाही में भी आपको पेट में गर्मी की शिकायत रह सकती है। मौसम में बदलाव से भी आपकी हेल्थ प्रभावित हो सकती है। जिन लोगों को शुगर की परेशानी है उन्हें इस समय अपनी पूर्ण देखभाल करनी चाहिए।
साल के आखिरी तीन महीने आपको सिरदर्द की शिकायत दे सकता है। इस वर्ष स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति हेतु आपके लिए मंगल के मंत्रों का जाप करना हितकारी रहेगा। हनुमान चालीसा भी पढ़ सकते हैं इन दोनों में से किसी भी एक का जाप आपको सुबह के समय करना चाहिए।
प्रेम संबंध के दृष्टिकोण से
साल की पहली तिमाही मिले-जुले फल देने वाली रह सकती है। दूसरी तिमाही में आपके प्रेम संबंधों की बात खटाई में पड़ सकती है। यदि आप इस समय किसी नए रिश्ते में बंधते हैं तो हो सकता है कि वह लम्बे समय तक चलें क्योकि इस समय पंचमेश शुक्र उच्च राशि में गोचर करेंगे। तीसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर तक का समय भी प्रेम संबंधों के लिए समय अनुकूल कहा जा सकता है।
आपके प्रेम संबंधों में दूसरों की दखलंदाजी हो सकती है। अक्तूबर से दिसंबर तक का समय आपको प्रेम संबंधों में कुछ अच्छे पल एक साथ बिताने के लिए मिल सकते हैं। गुरू का शुभ प्रभाव होने पर आपके संबंधों में स्थिरता बनी रह सकती है। इस तिमाही में आपके प्यार को विवाह की स्वीकृति भी मिल सकती है।
स्टूडेन्ट्स के लिए
वर्ष की आरंभिक तिमाही में बहुत अच्छे मौके हो सकते हैं जिनमें वह अपनी योग्यता का परिचय देने में सक्षम होंगे। दूसरी तिमाही में भी आप अपनी मेहनत में कटौती नहीं करेंगे। यदि आप किन्हीं कलात्मक अभिरूचियों से जुडे़ हैं तो आप अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रह सकते हैं।
तीसरी तिमाही में आपको अपनी पढ़ा़ई की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस समय विद्याथिर्यों का मन अनेक बातों को लेकर भटक सकता है। आप कई विषयों में से किसी एक का चयन करने में दुविधाग्रस्त भी हो सकते हैं।
साल के आखिरी तीन महीने छात्रों के लिए उतार चढ़ाव से भरे रह सकते हैं। यदि आप शांत चित और एकाग्रता के साथ अपने कार्य करेंगे तो तिमाही मध्य के बाद के समय आपको कुछ अप्रत्याशित परिणाम मिल सकते हैं। जो छात्र रिसर्च के क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय - परिवार में सुख तथा समृद्धि बनी रहे इसके लिए आप प्रतिदिन सुबह अथवा शाम का कोई एक समय सुनिश्चित करने के बाद 11 बार गणेश संकट स्तोत्र का पाठ करें। गणेश मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार सुबह के समय शुद्ध घी का दीया जलाकर करना है. मंत्र है - ऊँ गं गणपतये नम: