नई दिल्ली: अगर कोई जीवन की उन समस्याओं से बहुत परेशान है जिनका कोई हल नही निकल रहा है तो उसकी समस्याएं अब समाप्त हो जाएंगी। बस आपको अपनी दिनचर्या से थोड़ा समय निकलना होगा और रोज गायत्री मंत्र का जाप करना होगा। संस्कृत का यह मंत्र ऋगवेद से लिया गया है जो भृगु ऋषि को समर्पित है।
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हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से जीवन में उत्साह और सकारात्मक के कारण आपकी त्वचा में चमक आती है। आंखों में तेज आता है साथ ही आप जिस काम में असफल हो रहे है। वो काम भी जल्द से जल्द हो जाते है।
ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
इसका अर्थ है उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें।
- शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र को वेदों का सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है। इसके जप के लिए तीन समय बताए गए हैं। पहला समय है प्रात:काल, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जप शुरू किया जाना चाहिए। जप सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।
- दूसरा समय है दोपहर का। दोपहर में भी इस मंत्र का जप किया जाता है।
- तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए।
इन तीन समय के अतिरिक्त यदि गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से जप करना चाहिए। मंत्र जप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए। जानिए किसके लिए यह मंत्र है लाभकारी।
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