आज ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि और शनिवार का दिन है | आज से गंगा दशहरा व्रत आरम्भ हो रहा है, ये व्रत दशमी तक यानि अगले दस दिनों तक चलेगा | आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार इस बार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 1 जून को पड़ रही है। आप जानते हैं कि- राजा भगीरथ की कठिन तपस्या के कारण ही गंगा मैय्या का पृथ्वी पर आगमन संभव हो पाया था | हालांकि पृथ्वी के अंदर गंगा के वेग को सहने की शक्ति न होने के कारण भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं के बीच स्थान दिया, और फिर एक जटा खोल कर एक धारा बाहर निकाली जिससे पृथ्वी पर गंगा का जल उपलब्ध हो सके।
इन दस दिनों के दौरान गंगा मैय्या के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना का भी महत्व है | इस दौरान गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापकर्मों से छुटकारा मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है, लेकिन अभी गंगा नदी में स्नान करना संभव नहीं है | लिहाजा अपने घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर, उससे स्नान करें और दोनों हाथ जोड़कर मन ही मन गंगा मैय्या को प्रणाम करें | इस दौरान गंगा स्त्रोत का पाठ करना भी बहुत लाभदायक होता है।
ॐ नमः शिवायै गङ्गायै शिवदायै नमो नमः।
नमस्ते विष्णुरुपिण्यै, ब्रह्ममूर्त्यै नमोऽस्तु ते॥ से शुरू करके
त्वमेव मूलप्रकृतिस्त्वं पुमान् पर एव हि।
गङ्गे त्वं परमात्मा च शिवस्तुभ्यं नमः शिवे || तक नित्य पाठ करना चाहिए
कहते है इस दौरान गंगा स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को पापकर्मों से छुटकारा मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है |
आज का पूरा दिन पार करके कल की सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा | जैसा कि नाम से ही विदित होता है कि इस योग में कोई शुभ कार्य करना चाहिए | इस योग में किए गए कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है और कार्य शुभफलदायक होता है | ईश्वर का नाम लेने या सत्कर्म करने के लिए यह योग अति उत्तम है |