धर्म डेस्क: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश का व्रत रखा जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी गुरुवार, 17 नवंबर को है। इस दिन महिलाएं अपनें पुत्र के लिए व्रत रखती है। जानिए इस दिन किस तरह आप श्री गणेश को प्रसन्न कर सकते है। इस दिन श्री गणेश की पूजा कर आप इनकी कृपा पा सकते है। जानिए पूजा-विधि के बारें में।
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इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। इनका स्मरण कर व्रत रखने की प्रतिज्ञा लें। इसके बाद दोपहर के समय अपनी इच्छनुसार सोने, चांदी, बालू, मिट्टी या गोबर की प्रतिमा उसकी पूजा करें। पूजन के समय मूर्ति पर सिंदूर लगाएं फिर दूर्वा की 11 जोड़ा चढ़ाए और इन दस नामों को लें-
ऊं गणाधिपाय नमः
ऊं उमापुत्राय नमः
ऊं विघ्ननाशनाय नमः
ऊं विनायकाय नमः
ऊं ईशपुत्राय नमः
ऊं सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ऊं एकदन्ताय नमः
ऊं इभवक्त्राय नमः
ऊं मूषकवाहनाय नमः
ऊं कुमारगुरवे नमः
फिर षोडशोपचार करें। धूप, दीप, नैवेद्य, पान का पत्ता, लाल वस्त्र तथा पुष्पादि अर्पित करें। इसके बाद मीठे मालपुओं तथा 11 या 21 लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए।
इस पूजा में संपूर्ण शिव परिवार- शिव, गौरी, नंदी तथा कार्तिकेय सहित सभी की षोडषोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए। पूजा के उपरांत सभी आवाहित देवी-देवताओं का विधि-विधानानुसार विसर्जन करना चाहिए परंतु लक्ष्मी जी व गणेश जी का नहीं करना चाहिए। गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद उन्हें अपने यहां लक्ष्मी जी के साथ ही रहने का आमंत्रण करें। यदि कोई कर्मकांडी यह पूजा सम्पन्न करवा रहा है तो उसका आशीष प्राप्त करें। सामान्यत: तुलसी के पत्ते छोड़कर सभी पत्र- पुष्प गणेश प्रतिमा पर चढ़ाए जा सकते हैं।
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